पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक संपन्न हुई। बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी मौजूद थे। यह बैठक करीब 45 मिनट तक चली। उन्होंने आज अपने आवास पर सभी शीर्ष मंत्रियों के साथ कैबिनेट बैठक के समापन के बाद चार कैबिनेट मंत्रियों के साथ एक अलग बैठक की।
अमेरिकी दोनों देशों के संपर्क में: अमेरिका कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है और भारत और पाकिस्तान दोनों के संपर्क में है। विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से आज या कल बात करने की प्लानिंग कर रहे हैं। ब्रूस ने कहा कि अमेरिकी सरकार भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों के साथ लगातार संपर्क में है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका न केवल विदेश मंत्री स्तर पर बातचीत कर रहा है, बल्कि कई अन्य राजनयिक चैनलों के माध्यम से भी बात कर रहा है। ब्रूस ने आगे बताया कि सेक्रेटरी रुबियो ने दोनों देशों से स्थिति को और खराब होने से बचाने का आग्रह किया है और उम्मीद है कि वे दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे।
पीएम ने सेना को दी खुली छूट: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार से जवाब की बढ़ती मांग के बीच पीएम मोदी सेना को पूरी तरह से ऑपरेशनल आजादी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें सेना की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है और उन्होंने सेना द्वारा की जाने वाली किसी भी कार्रवाई के लिए पूर्ण राजनीतिक समर्थन का वादा किया।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से जुड़े तमाम बड़े अपडेट्स के लिए जुड़े रहिये जनसत्ता डॉट कॉम के साथ…
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गए पत्र पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, “हमने कई विपक्षी नेताओं के साथ चर्चा की, जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कल रात प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा के लिए संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया।यह एकजुट होने और दुनिया को यह दिखाने का समय है कि हम एकजुट हैं। हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी इस अनुरोध को स्वीकार करेंगे और वे संसद के सत्रों में उपस्थित रहेंगे।”
कश्मीर में मौजूद मजदूरों, छात्रों और कर्मचारियों सहित गैर-स्थानीय लोगों के नए सत्यापन के बाद पुलिस कश्मीर घाटी में छापेमारी जारी रखे हुए है।
पहलगाम आतंकी हमले पर कांग्रेस नेताओं के बयानों पर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा, “कांग्रेस ने देश की सुरक्षा के लिए जो बलिदान दिया है, वह बहुत बड़ा है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जितना बलिदान दिया है, उतना किसी और ने नहीं दिया। हमें दूसरों से इस बारे में सबक लेने की जरूरत नहीं है। हमने पहलगाम की घटना पर कोई नरम रुख नहीं अपनाया है। हमारे नेता पहले ही सर्वदलीय बैठक में अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। हम सभी को सावधानी से बोलना चाहिए। हमें इसे पार्टी लाइन से परे देखना चाहिए और निष्पक्ष तरीके से निर्णय लेना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में हम सरकार के साथ खड़े हैं। एक व्यक्ति द्वारा कुछ और कहना और दूसरे द्वारा कुछ और कहना अस्वीकार्य है।”
पहलगाम आतंकी हमले पर विपक्ष द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने कहा, “स्वाभाविक रूप से यह कोई छोटी घटना नहीं है, यह देश की एकता को तोड़ने की साजिश है। इस पर कहीं न कहीं चर्चा होनी चाहिए, यह लोकतांत्रिक देश है, अगर चर्चा नहीं होगी, रणनीति नहीं बनेगी तो आतंकवाद को खत्म करने के लिए हम क्या करेंगे। सर्वदलीय बैठक हुई, प्रधानमंत्री ने भाग नहीं लिया। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री जो करना चाहते हैं, संसद से 140 करोड़ लोगों को संदेश मिलना चाहिए। स्वाभाविक रूप से संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।”
पहलगाम हमले पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, “पहलगाम हमले के बारे में विजय वडेट्टीवार ने कल जो बयान दिया है, वह बहुत ही असंवेदनशील है। उन्हें इस तरह बोलने का अधिकार नहीं है। सरकार कार्रवाई कर रही है, पूरा देश मोदीजी के साथ खड़ा है। मोदीजी ने पाकिस्तान को सबक सिखाने का फैसला किया है। लेकिन ये लोग राजनीति करते हैं। उनके एक बयान से देश और महाराष्ट्र के सभी लोग आहत हैं। उन्होंने उन परिवारों की परवाह किए बिना ऐसा बयान दिया, जिन्होंने अपने परिवार के सदस्य को खो दिया। उन्हें फिर से ऐसा नहीं दोहराना चाहिए।”
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को सुबह 11 बजे 7 एलकेएम पर होगी। पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए प्रस्ताव पेश किया जाएगा।
आप सांसद संजय सिंह ने कहा, “अगर सरकार सर्वदलीय बैठक बुला सकती है, तो उसे इतने बड़े मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। संसद में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपने विचार, सुझाव रख सकते हैं और सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों के बारे में भी पूछ सकते हैं।”
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाने का अनुरोध किया है। पत्र में कहा गया है, “इस महत्वपूर्ण समय में, भारत को यह दिखाना चाहिए कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एक साथ खड़े हैं।”
पाकिस्तानी नागरिक वाघा-अटारी सीमा के ज़रिए भारत छोड़ रहे हैं। पहलगाम हमले के बाद, बहुत डर का माहौल है। मेरी पत्नी और बच्चे पाकिस्तान में हैं और जब मेरे माता-पिता बीमार पड़ गए तो उन्होंने मुझसे पाकिस्तान लौटने का आग्रह किया। जो कुछ हुआ वह भयानक था और इसके बाद पाकिस्तानियों और भारतीयों दोनों पर गहरा असर पड़ा है। दोनों समुदाय अब संकट में जी रहे हैं।” वाघा-अटारी सीमा पर मौजूद चेतन कहते हैं, जो पाकिस्तान लौट रहे हैं।
पहलगाम हमले के मद्देनजर एकजुटता अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का प्रमाण है।
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करने हेतु संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए।
अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान लौट रही पाकिस्तानी नागरिक इरा ने कहा, “मेरी शादी 10 साल पहले दिल्ली में हुई थी। कोविड के दौरान मेरा वीजा एक्सपायर हो गया। मैं NORI वीजा धारक हूं, लेकिन मुझे हमले (पहलगाम में) के कारण देश छोड़ने के लिए कहा गया है। वहां जो कुछ भी हुआ वह बिल्कुल गलत है, लेकिन हमें इसकी सजा नहीं मिलनी चाहिए।”
अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान लौट रही पाकिस्तानी नागरिक समरीन ने कहा, “मैं सितंबर में 45 दिन के वीज़ा पर यहां आई थी। उसके बाद यहीं मेरी शादी हुई। मुझे अभी तक लॉन्ग टर्म वीज़ा नहीं मिला है और अब अचानक मुझे देश छोड़ने के लिए कहा गया है। आतंकियों से पूछताछ होनी चाहिए। हमारा क्या कसूर है? हमें क्यों सजा दी जा रही है? जिन लोगों के रिश्तेदार देश में हैं, उन्हें रहने दिया जाना चाहिए।”
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने पहलगाम हमले पर अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दिया और अपने उस बयान के लिए माफी मांगी जिसमें उन्होंने कहा था कि आतंकवादियों के पास धर्म या जाति पूछने का समय नहीं है। उन्होंने कहा, “मैंने कल जो कहा था उसे गलत तरीके से पेश किया गया है और तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। पहलगाम में, जहां आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों की जान ली, पाकिस्तान का इरादा भारत को कमज़ोर करना और आंतरिक कलह पैदा करना था। यह पाकिस्तान की योजना थी, और आतंकवादियों को इसी उद्देश्य से प्रशिक्षित करके यहाँ भेजा गया था। मैंने कहा था कि आतंकवादियों के पास धर्म या जाति पूछने का समय नहीं है – इस तरह की घटना पहली बार हुई है। अगर मेरी टिप्पणी से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं।”
एक टूरिस्ट ने कहा, “पहलगाम में कुछ दिन पहले जो हमला हुआ, पाकिस्तान ने जो हरकत की, वो बहुत शर्मनाक है, और हमारी सरकार उन्हें इसका मुंहतोड़ जवाब जरूर देगी। पर्यटकों पर हमला करने के पीछे उनका मकसद यहां पर्यटन को कम करना था। लेकिन ऐसा नहीं होगा। कश्मीर हमारा था, हमारा है और हमारा ही रहेगा। ये मातृभूमि हमारी है, हम यहां आए हैं और आते रहेंगे। हम यहां सुरक्षित महसूस करते हैं। डरने की कोई बात नहीं है और भारतीय सेना यहां मौजूद है। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं, यहां कोई समस्या नहीं है।”
अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान लौट रहे पाकिस्तानी नागरिक कृष्ण कुमार ने कहा, ‘मैं 45 दिनों के लिए टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था और अब हम वापस जा रहे हैं। सरकार को पहलगाम आतंकी हमले पर कार्रवाई करनी चाहिए। दोनों देशों को साथ रहना चाहिए क्योंकि आधे परिवार वहां हैं और आधे यहां हैं। पहलगाम में जो हुआ वह सही नहीं है।”
पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी को करारा जवाब दिया। धवन ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर अफरीदी को भारतीय सेना के लिए अपमानजनक शब्दों के जवाब में कड़ा संदेश दिया।
अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद अपनी गहरी पीड़ा और गुस्से का इजहार किया। उन्होंने कहा, “बेशक, बहुत गुस्सा और दुख है। हमारी सरकार काम कर रही है, और वे जिम्मेदार लोगों को दंडित करेंगे। ‘जो भी हुआ, बहुत बुरा हुआ, वास्तव में शर्मसार है’। जैसा कि आपने कहा, पर्यटन बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लेकिन उससे भी ज्यादा, मैंने खुद कुछ चीजें देखने के बाद पाया कि स्थानीय लोग बहुत गुस्से में हैं। वे पर्यटकों को अपने भाइयों की तरह मानते हैं। जिस तरह से कश्मीरी स्वागत करते हैं, लोगों को वो पैसे से भी ऊपर की चीज होती है। मैं यह नहीं बता सकता कि कश्मीरी लोगों के दिल में सभी के लिए कितना प्यार है…जब भी लोग कश्मीर जाते हैं और वापस लौटते हैं, तो वे हमेशा कश्मीरियों की बहुत प्रशंसा करते हैं, और यह सही भी है।”
भारतीय-अमेरिकियों ने पाकिस्तान वाणिज्य दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, कश्मीर आतंकवाद पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की और पाकिस्तान को “आतंकवादी राज्य” घोषित करने की जोरदार मांग की।
कोझिकोड ग्रामीण पुलिस ने तीन पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए नोटिस वापस ले लिए हैं, क्योंकि उन्हें पता चला है कि उन्होंने दीर्घकालिक वीजा के लिए आवेदन किया था। एक पुरुष और दो महिलाओं सहित तीन व्यक्ति लंबे समय से कोझिकोड में रह रहे हैं। पुथनपुरवलप्पिल हम्सा, खमरुन्निसा और उनकी बहन अस्मा तीन पाकिस्तानी नागरिक हैं जिन्हें पिछले सप्ताह पुलिस से नोटिस मिले थे। हम्सा का जन्म केरल में हुआ था और वह 1965 में एक एजेंट के माध्यम से कलकत्ता से पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) पहुंचे थे। बाद में वह कराची पहुंचे और वहां अपने भाई के साथ रहने लगे। वह 2007 में केरल लौटे और भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया। अल्पकालिक वीजा वाले पांच पाकिस्तानी नागरिक पहले ही राज्य छोड़ चुके हैं।
