गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म सम्मान 2020 के लिए चयनित की गईं हस्तियों में अयोध्या मोहम्मद शरीफ भी शामिल हैं। उनकी पहचान लोगों का अंतिम संस्कार करने वाले मसीहा के रूप में होती है। अपने बेटे की हत्या के बाद अंतिम संस्कार नहीं कर पाए शरीफ अपने इस पुण्य कार्य में धर्म को भी दीवार नहीं बनने देते हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अब तक वे करीब साढ़े 5 हजार से भी ज्यादा लोगों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं।
27 साल पहले शुरू किया था यह कामः मोहम्मद शरीफ को पद्म श्री सम्मान के लिए नामित किया गया है। उन्होंने बताया, ’27 साल पहले सुल्तानपुर में मेरे बेटे की हत्या हो गई थी। मुझे उसके दुनिया में न रहने की खबर एक महीने बाद मिली थी। काफी ढूंढने पर भी परिजनों को उसका शव नहीं मिल पाया। इसके बाद मैंने लावारिश लाशों को ढूंढ-ढूंढ कर उनके अंतिम संस्कार का काम शुरू कर दिया। अब तक मैंने करीब 3 हजार हिंदुओं और ढाई हजार से ज्यादा मुस्लिमों का अंतिम संस्कार किया है।’
इस साल भारत रत्न का ऐलान नहींः गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस साल 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 16 को पद्म भूषण और 118 लोगों को पद्म श्री सम्मान देने का ऐलान किया है। इस साल भारत रत्न का ऐलान नहीं किया गया है। लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने वाले मोहम्मद शरीफ को भी जगह मिली है। शरीफ अयोध्या के खिड़की अली बेग इलाके के रहने वाले हैं। उन्होंने इस निर्णय को लेकर मोदी सरकार के प्रति सम्मान व्यक्त किया और कहा कि मेरी सेवाओं की कद्र की गई।
बड़ा बेटा भी इसी काम में जुटाः शरीफ चाचा के नाम से मशहूर मोहम्मद शरीफ कहते हैं कि इस काम में सुकून मिलता है। उनके साथ-साथ उनका बड़ा बेटा भी इस पुण्य कार्य में लगा है। परिवार का कहना है कि वे आम लोगों की मदद से इस काम को अंजाम देते हैं।