वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने जम्मू एवं कश्मीर में अशांति की स्थिति के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए रविवार (16 जुलाई) को कहा कि घाटी के लोग दो चरम स्थितियों बीच फंसे हुए हैं। चिंदबरम ने ट्वीट किया, “कश्मीर घाटी के लोग दो चरम परिस्थितियों के बीच फंसे हुए हैं .. केंद्र सरकार ने एक चरम रुख अपनाया हुआ है, जिससे समस्या और बिगड़ गई है, वैसे ही जैसे आतंकवादियों का रुख चरम है, जिसे खारिज करने की जरूरत है।”

चिदंबरम ने लगातार पांच ट्वीट किए हैं, जिनमें उन्होंने कहा है, “इसका नतीजा जम्मू एवं कश्मीर के लोगों और राज्य के भविष्य को भुगतना पड़ रहा है।” उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी कई मौकों पर चेतावनी दी थी कि कश्मीर मुद्दा या समस्या (इसे जो भी नाम दिया जाए) एक नासूर बन चुका है।”

चिंदबरम के ट्वीट्स जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद आए हैं। मुलाकात में दोनों नेताओं ने हाल ही में अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों की बस पर हुए हमले के मद्देनजर घाटी में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की थी।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार (15 जुलाई) को गृह मंत्री राजनाथ सिंह को बताया कि राज्य में बाहरी ताकतें परेशानियां पैदा कर रही हैं। महबूबा ने राज्य में कानून-व्यवस्था खासकर अमरनाथ तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के बारे में सिंह से चर्चा के दौरान यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लगभग एक घंटे तक चली मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को बताया कि कश्मीर घाटी में शांति बनाए रखने की खातिर राज्य सरकार द्वारा क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। उन्होंने अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुये आतंकी हमले के बाद राज्य में कानून व्यवस्था के लिये केन्द्र सरकार के स्तर पर सिंह द्वारा किये गये प्रयासों की भी सराहना की।