वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की बैठक से मंगलवार को विपक्ष के कई सांसदों ने वॉकआउट किया। उनका आरोप था कि एक भाजपा सदस्य ने उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है। दो दिनों में यह दूसरी बार है जब सांसदों ने बैठक से वॉकआउट किया है।
इसके साथ ही विपक्षी सांसदों ने वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के संचालन में नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कल्याण बनर्जी, गौरव गोगोई, ए राजा, मोहम्मद अब्दुल्ला और अरविंद सावंत सहित विपक्षी सदस्य संसदीय समिति की बैठक से उठ कर बाहर चले गए। संसदीय समिति अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के प्रतिनिधियों के पक्ष सुन रही थी। करीब एक घंटे तक बैठक से दूर रहने के बाद विपक्षी सदस्य फिर से इसमें शामिल हुए।
दो दिन में दूसरी बार विपक्षी सदस्यों का बैठक से वॉकआउट
इससे पहले भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्य समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को लेकर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे थे। यह लगातार दूसरा दिन है जब विपक्षी सदस्यों ने मतभेद के बाद बैठक से वॉकआउट किया है।
विपक्षी सांसदों ने खड़गे के नाम का उल्लेख किए जाने पर आपत्ति जताई थी
सोमवार को विपक्षी सांसदों ने मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का उल्लेख किए जाने पर आपत्ति जताई थी जबकि वे समिति के सदस्य नहीं थे। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत जो वॉकआउट करने वाले विपक्षी सांसदों में से थे, उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि संसदीय समिति को नियमों और विनियमों के अनुसार चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “कुछ नैतिकताएं होती हैं। अगर इनका पालन नहीं किया जाता है, तो हम बहिष्कार करेंगे। हमने आज यही किया है।” शिवसेना सांसद ने कहा कि वे इस मुद्दे पर और कुछ नहीं कह सकते।
सांसदों ने कर्नाटक अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व पदाधिकारी अनवर मणिप्पादी का हवाला देते हुए कहा कि वह उनके आरोपों को प्रमाणित कर सकते हैं। इससे पहले भी विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया था कि हितधारकों की बात नहीं सुनी जा रही है और कार्यवाही के नाम पर राजनीति की जा रही है।