बुधवार (18 जुलाई) से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। इस सत्र को सफल बनाने के उद्देश्य से जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्वदलीय बैठक कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष का मूड थोड़ा अलग नजर आ रहा है। मंगलवार (17 जुलाई) को पीएम मोदी द्वारा दिल्ली में सर्वदलीय बैठक करने के कुछ ही समय बाद कांग्रेस की तरफ से काफी बड़ा बयान आया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि सभी विपक्षी दल मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के पक्ष में हैं।

उन्होंने कहा कि सोमवार (16 जुलाई) को 12 पार्टियों की जो मीटिंग हुई थी, उसमें सभी दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए हामी भरी थी। खड़गे ने कहा, ‘हम सरकार की नाकामी के कारण एकजुट होकर अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। कल 12 दलों की मीटिंग हुई और हम सब इस बात पर सहमत हैं कि जल्द ही अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे और इसके अलावा हम आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने के भी पक्ष में हैं और इसकी भी मांग करेंगे।’

रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस ने अपने प्रस्ताव में बहुत से मुद्दों का उल्लेख किया है। विपक्ष मॉब लिंचिंग की घटनाओं, बेरोजगारी, किसानों की समस्या, महिला सुरक्षा, ईवीएम से छेड़छाड़, जम्मू कश्मीर की स्थिति और फॉरेन पॉलिसी फ्रंट पर सरकार की नाकामी को फोकस कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘सोमवार को हमने ईवीएम को लेकर भी चर्चा की। चुनावी प्रक्रिया के ऊपर हमें अब कोई विश्वास नहीं है। हमें पुरानी व्यवस्था बैलेट पेपर को ही अपनाना चाहिए।’

बता दें कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 10 अगस्त तक चलेगा। केंद्र सरकार की कोशिश है कि यह सत्र सफल हो और इसमें ज्यादा से ज्यादा काम हो सके। बजट सत्र में विपक्ष के हंगामे के कारण संसद में काम नहीं हो सका था, जिसके कारण मानसून सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले यानी मंगलवार (17 जुलाई) को पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक की। इस बैठक में सभी नेताओं ने अपने विचार और समस्याएं पीएम के सामने रखीं। पीएम ने उन्हें भरोसा दिलाया कि सभी मुद्दों पर संसद में चर्चा की जाएगी।