मुंबई के करीब अरब सागर में ताउते चक्रवात की वजह से ओएनजीसी के लिए काम कर रही बार्ज पी305 डूब गई थी। अब बार्ज के डूबने और इसमें काम कर रहे लोगों की मौत पर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी शुरू हो गया है। केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा है कि बार्ज पी305 चक्रवात के आने से पहले बेहद तेज हवाओं की वजह से 16 मई के बाद ही अपने एंकर (लंगर) से अलग हो गई थी। अगर यह जानकारी मंत्रालय के मुंबई स्थित डिजिटल कम्युनिकेशन केंद्र (DGCOM) तक पहुंच जाती, तो पी305 को बचाने के लिए पहले ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जा सकता था। इस बीच ताजा घटनाक्रम में मुंबई पुलिस ने बार्ज के कैप्टन के खिलाफ बार्ज पर मौजूद इंजीनियर की शिकायत के बाद केस दर्ज किया है। कैप्टन पर चक्रवात के दौरान कर्मचारियों की जान खतरे में डालने का आरोप लगा है।

DGCOM को नहीं मिली थी बार्ज की जानकारी: सूत्रों का कहना है कि DGCOM को बार्ज के एंकर टूटने के बारे में 17 मई को सुबह 10 बजे के आसपास बताया गया, लेकिन तब तक चक्रवात मुंबई के तटीय इलाकों तक पहुंच चुका था और बार्ज ने संकट में होने के सिग्नल भी भेजे थे। उसे बचाने के लिए कोस्ट गार्ड, नेवी और मर्चेंट शिप को भेजा गया, लेकिन इसमें काफी समय लग गया। आखिरकार शाम 5 बजे बार्ज डूब गया और चार घंटे बाद ही गुजरात में ताउते की वजह से भूस्खलन हुआ था।

बार्ज मालिक और कैप्टन को ठहराया जा रहा हादसे का जिम्मेदार: सूत्रों के मुताबिक, पी305 चक्रवात से पहले की तेज हवाओं और समुद्र में हलचल की सुबह ही अपने लंगर से अलग हो गया था। DGCOM को इस बारे में जानकारी न देने पर ओएनजीसी के प्रवक्ता हरीश अवाल ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी और उसकी कॉन्ट्रैक्टर AFCONS इन्फ्रास्ट्रक्चर, जो कि बार्ज से ही काम कर रही थीं, उन्होंने बार्ज पी305 को चार्टर किया था। अपने इस बयान के जरिए दोनों कंपनियों ने बार्ज के मालिक डुरमास्ट एंटरप्राइजेज और बार्ज के कैप्टन को पी305 के डूबने का जिम्मेदार ठहरा दिया।

अवाल ने बताया कि ओएनजीसी के 99 शिप-बार्ज समुद्र में थे। इनमें से 94 खराब मौसम की चेतावनी के बाद लौट आए, लेकिन पी305 नहीं आया। ओएनजीसी ने बताया कि कोस्ट गार्ड से चेतावनी मिलने के बाद इस खतरे के बारे में सभी शिप्स-बार्ज को बताया गया था। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हम जलसैनिक या नाविक नहीं हैं। हम तेल और गैस के एक्सपर्ट हैं। उन्होंने बताया कि अपने शिप्स और बार्ज को चेतावनी भेजने के साथ हमने उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए भी कहा था।

मुंबई पुलिस ने दर्ज किया बार्ज कैप्टन पर केस: इस बीच मुंबई पुलिस ने बताया कि शिकायतों के आधार पर बार्ज पी305 के कैप्टन राकेश बल्लव पर केस दर्ज किया गया है। बल्लव पर चक्रवात के दौरान कर्मचारियों को खतरे में डालने का आरोप है। बार्ज इंजीनियर की शिकायत पर मुंबई के यलो गेट पुलिस स्टेशन में बार्ज कैप्टन पर आईपीसी की धारा 304(2) (गैर-इरादतन हत्या), धारा 338 और धारा 34 के तहत मामला दर्ज हुआ है।

हादसे की जांच के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने गठित की कमेटी: पेट्रोलियम मंत्रालय ने बुधवार को जहाजों के फंसे होने के मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। बता दें कि यह बार्ज अपटीय क्षेत्र के तेल खनन क्षेत्र बंबई हाई में कार्यरत था और हादसे के समय 261 कर्मी उस पर सवार थे। इनमें से 49 कर्मियों की मौत हो गई जबकि 38 अन्य अब भी लापता हैं।

एफ्कॉन बोला- तेजी से खऱाब हुआ मौसम, नहीं उठ पाया कोई कदम: ओएनजीसी के साथ बार्ज पी305 पर निर्माण कार्य में जुटी एफ्कॉन इंफ्रास्ट्रक्चर ने गुरुवार को कहा कि मौसम तेजी से खराब हुआ और स्थिति पूर्वानुमान से कहीं अधिक खराब हुई। शापूरजी पल्लोनजी समूह की इंजीनियरिंग इकाई एफ्कॉन इंफ्रास्ट्रक्चर ने दावा किया कि सभी मानकों का पालन किया गया।

एफ्कॉन ने जारी बयान में कहा कि ‘‘मौसम पूर्वानुमान 14 मई को प्राप्त हुआ था जिसमें लगातार अधिकतम 40 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं हमारे विशेष कार्यस्थल पर 16 मई की देर शाम से 17 मई की सुबह तक चलने की जानकारी दी गई थी। (मौसम विभाग ने इसे उष्णकटिबंधीय तूफान की श्रेणी में रखा था)

बयान में कहा गया, ‘‘14 मई को ही हमारे सभी पोतों को सलाह दी गई कि वे अपने कार्यस्थल को सुरक्षित करें और जल्द से जल्द कर्मी सुरक्षित स्थानों पर चले जाए। इसके तहत पप्पा 305बार्ज सहित सभी पोत 14-15 मई को वापस आने लगे।’’ बयान के अनुसार बाकी बार्ज ने मुंबई बंदरगाह या रेवानदंडा के नजदीक लंगर डाला लेकिन पी305 के मास्टर ने बार्ज के कार्यस्थल से 200 मील दूर ले जाने का फैसला किया और उनके अनुसार वह सुरक्षित स्थान था क्योंकि हवाओं की गति 40 नॉटिकल मील प्रति घंटे से चलने का पूर्वानुमान था और वह स्थान तूफान ने 120 नॉटिकल मील दूर था।

एफ्कॉन ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से 16 मई शाम से तेजी से मौसम बदला और 17 मई को पूर्वानुमान के विपरीत स्थिति और खराब हुई। अचानक बदली परिस्थिति में पी305 बार्ज के मास्टर को कोई कदम उठाने का मौका नहीं मिला।’’

ONGC-AFCONS के फैसलों पर उठे सवाल: हालांकि, ओएनजीसी और एफकॉन्स की ओर से जारी बयानों पर जहाजरानी मंत्रालय के अधिकारियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि आखिर क्यों दोनों ने बार्ज के मास्टर को अपने हिसाब से काम करने दिया, वह भी तब जब मौसम विभाग और कोस्ट गार्ड दोनों ने ही चक्रवात को लेकर चेतावनी जारी की थी। इस हादसे की जांच जुड़े एक अफसर ने कहा कि वह यह भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर क्यों बार्ज पर रखी 32 लाइफ राफ्ट और 600 लाइफ जैकेट्स का इस्तेमाल नहीं किया गया।