नोटबंदी की घोषणा के एक साल पूरे होने पर केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला शुरू करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि नोटबंदी के कारण लाखों लोग परेशान हुए और इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि इसके कारण लोगों की जान और नौकरी दोनों गई। नोटबंदी के फैसले के एक साल के बाद पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि इस ‘काला दिवस’ पर, लोगों की वास्तविक जीवन की कहानी पढ़नी चाहिए और इसके कारण परेशान होने वाले लाखों लोगों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। उन्होंने अपने कई ट्वीट में कहा, ‘‘क्या कोई इससे इनकार कर सकता है कि लोगों की जान गई, छोटे व्यापार बंद हो गए और रोजगार छिन गया?’’
चिदंबरम ने दावा किया कि जनता के पास 15 लाख करोड़ रुपए नकद है, यह मात्रा बढ़ रही है और नवंबर 2016 में 17 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि कितनी नकदी (रुपए की आपूर्ति) होनी चाहिए, यह फैसला रिजर्व बैंक का होना चाहिए, नाकि सरकार का।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि कम मांग और कम वृद्धि के कारणों में से एक चलन में नकदी की कृत्रिम कमी भी है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘पारर्दिशता के हित में, सरकार/आरबीआई को रिजर्व बैंक बोर्ड का एजेंडा जारी करना चाहिए, पहले की टिप्पणी और (पूर्व गर्वनर) रघुराम राजन की टिप्पणी के बारे में बताना चाहिए।
Was it ethical to give an easy way for converting black money into white as now discovered by Govt?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 8, 2017
उन्होंने कहा कि यदि सरकार को अपने निर्णय पर भरोसा है, तो वह इन दस्तावेजों को सार्वजनिक करने से क्यों डर रही है?’’ ठीक एक साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोद ने काला धन, भ्रष्टाचार, जाली नोट और आतंकवाद को वित्त पोषण के खिलाफ लड़ाई की दिशा में एक कदम उठाते हुए 1,000 रुपए और 500 रुपए के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। विपक्ष बुधवार को नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर ‘काला दिवस’ मना रहा है।
Was it ethical to damage vibrant industrial
hubs like Surat, Bhiwandi, Moradabad, Agra, Ludhiana and Tiruppur?— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 8, 2017
चिदंबरम ने कहा, सरकार दावा करती है कि काला धन का सफाया हो गया है लेकिन जब गुजरात चुनाव का अभियान शुरू होगा तब आपको ‘सफाया हुआ’ काला धन मिल जाएगा। उन्होंने पूछा, ‘‘बीबीसी का कहना है कि मोदी की मुद्रा संबंधी इस दांव से भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है। क्या बीबीसी काले धन और भ्रष्टाचार की समर्थक है?’’
Was it ethical to force thousands of micro and small businesses to close down?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 8, 2017