दिल्ली विधानसभा के सदस्यों को चुनने के लिए आठ फरवरी को मतदान होगा। हर पार्टी मतदाताओं को अपनी ओर करने के लिए प्रचार में जी जान से लगी है। मतदाता भी इस मौके पर नेताओं को अपनी समस्याएं बताने से नहीं चूक रहे हैं। दक्षिण दिल्ली के लोगों का कहना है कि उनके यहां पीने की पानी की बड़ी समस्या है। काफी जगह पानी आता ही नहीं है और जहां आता है तो बहुत गंदा आता है।
लोगों का कहना है जो पार्टी हमारी इस समस्या को सुलझाने का वादा करेगी हम उसी पार्टी को अपना वोट देंगे। दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र में दस विधानसभा सीट हैं जिनमें से अधिकतर में पीने के पानी की समस्या है। संगम विहार में रहने वाले विपिन कुमार ने बताया कि यहां एक बार पानी के पाइप डाले गए थे लेकिन बाद में उन्हें उखाड़ लिया गया। हमेशा पानी टैंकर से ही मंगवाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि उनके घर में पानी को जमा करने के लिए टैंक और टंकियां हैं। ऐेसे में सर्दियों में हर 15 दिन में और गर्मियों में 10-12 दिन में एक टैंकर की आवश्यकता होती है।
सर्दियों में जहां एक टैंकर पानी के लिए 800 से 1000 रुपए देने होते हैं। वहीं, गर्मियों में एक टैंकर के लिए 1500 रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की सरकार से पहले भी यही समस्या था और अब भी यह परेशानी जारी है। विपिन ने कहा कि जो पार्टी या नेता हमारी समस्या को दूर करने का वादा करेगा हम उसकी को अपना मत देंगे।
बदरपुर में रहने वाले राहुल यादव ने बताया कि उनके आसपास ऐसी कई कॉलोनियां हैं, जहां पर पानी के लिए सरकार की ओर से कोई इंतजाम ही नहीं है। इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को पूरी तरह से टैंकर के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इन कॉलोनियों के लोग पीने का पानी खरीदते हैं। जो नहीं खरीद पाते हैं, वे गंदे पानी को ही साफ करके पीते हैं, जिससे अकसर लोग बीमार हो जाते हैं। राहुल बताते हैं कि उनकी अपनी कॉलोनी में नलकूप और गंगा का पानी आता है लेकिन नलकूप का पानी आसपास के घरों तक ही पहुंच पाता है। गंगा के पानी आने का कोई निर्धारित समय नहीं है।

