जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में शहीद हुए सेना के जवान बिजेंद्र सिंह का अपने घर पर हुआ आखिरी कॉल पत्नी को जन्मदिन की बधाई देने के लिए था। वह राजस्थान के झुंझुनू ज़िले के रहने वाले थे। कॉल रखते हुए उन्होंने वादा किया था कि वह जल्द घर लौटेंगे। कैप्टन ब्रिजेश थापा ने रविवार की सुबह सिलीगुड़ी में अपनी मां से बात की थी और कहा था कि वे एक ऑपरेशन के लिए जा रहे हैं। शहीद हुए अजय सिंह का अपने परिवार से किया यह वादा भी अधूरा रह गया कि वह 20 जुलाई तक घर आ जाएंगे।
शहीद जवान अजय सिंह के चाचा ओम प्रकाश राजस्थान पुलिस में सहायक उपनिरीक्षक है। वह कहते हैं,”अजय ने कल ही घर पर फोन करके बताया था कि वह ठीक है और यहां सेना का ऑपरेशन चल रहा है। उसने कहा था कि यहां झगड़ा हो रहा है, आपको पता है आप लोग टीवी देखते हो’ लेकिन मैं घर आ रहा हूं क्योंकि मेरी छुट्टी मंजूर हो गई है। लेकिन आज सुबह उसके पिता को सेना से फोन आया जिसमें बताया गया कि वह अब नहीं रहा।”
‘वह घर आने के लिए बहुत उत्सुक था, उसकी छुट्टी मंजूर नहीं हुई’
शहीद जवान बिजेंद्र सिंह के परिवार ने बताया कि वह अपनी पत्नी और 1 और 3 साल के दो बेटों के पास घर आने के लिए उत्सुक था। आखिरी समय तक उसने कोशिश की, लेकिन उसकी छुट्टी मंजूर नहीं हुई।
बिजेंद्र के परिवार के कुछ लोगों को अभी तक यह नहीं बताया गया है कि वह अब नहीं रहे। उनके भाई दशरथ ने बताया, “मैं सुबह-सुबह झुंझुनू पहुंचा और उनकी पत्नी अंकिता को बताया कि वह आईसीयू में हैं। वह लगातार इस बात पर जोर दे रही थी कि मैं उनसे बात क्यों नहीं करवा सकता, लेकिन मैंने उन्हें बताया कि वह आईसीयू में हैं, इसलिए मैं उनसे बात नहीं करवा सकता। मां को भी अभी तक यह खबर नहीं सुनाई गई है।”
जवान अजय सिंह आखिरी बार करीब तीन महीने पहले घर आए थे और उनके परिवार में उनकी पत्नी शालू कंवर और उनके माता-पिता कमल सिंह और सलोचना देवी हैं। अजय और शालू की शादी दो साल पहले हुई थी और उनके कोई बच्चे नहीं हैं। अजय का छोटा भाई करण वीर एम्स, बठिंडा से एमबीबीएस कर रहा है।