One Nation One Election Bill: केंद्र की मोदी सरकार ने एक देश एक चुनाव को लेकर कमर कस ली है। बीते गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक में कहा गया है कि लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली उच्चस्तरीय समिति ने रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी। जिसमें लोकसभा, विधानसभा के साथ-साथ नगर निगम और पंचायत स्तर के चुनाव भी कराए जाएंगे। लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस रिपोर्ट में संशोधन करते हुए केवल राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनाव को एक साथ कराने वाले विधेयक को पास कर दिया है।
मार्च में कोविंद ने राष्ट्रपति को सौंपी थी रिपोर्ट
मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था जिसको एक देश एक चुनाव को लेकर रिपोर्ट बनानी थी। समिति ने इसी साल 14 मार्च 2024 को पूरी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी थी। जिसे केंद्रीय कैबिनेट ने सितंबर में स्वीकार कर लिया था। जिसके बाद अब करीब तीन महीने बाद इस विधेयक में कुछ संशोधन करते हुए मंजूरी दे दी है।
बीजेपी के एजेंडे में है शामिल
एक देश एक चुनाव विधेयक को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद संसद के शीतकालीन सत्र में ही लाने की तैयारी चल रही है। बीजेपी के पुराने एजेंडे में शामिल एक देश एक चुनाव को लेकर मोदी सरकार काफी समय से प्रयासरत है। हालांकि वर्तमान समय की लोकसभा और राज्यसभा के आंकड़े की बात करें तो यह विधेयक पास होना आसान नहीं दिखा रहा है।
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लोकसभा में सरकार की स्थिति
वर्तमान मोदी सरकार की बात करें तो इस विधेयक को पास कराने के लिए देश के कम से कम आधे राज्यों की मंजूरी लेनी होगी। जो बिलकुल भी आसान नहीं है। वहीं रामनाथ कोविन्द के सामने जिन पार्टियों ने एक साथ चुनाव कराने की राय पर सहमति दी थी उनकी संख्या वर्तमान लोकसभा में 270 है। हालांकि उस समय कुछ पार्टियों ने कुछ भी बोलने से इनकार किया था। जिसमें टीडीपी भी थी जो वर्तमान में एनडीए का हिस्सा है। ऐसे में यह संख्या 293 तक पहुंच जा रही है।
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ऐसी स्थिति में लोकसभा के सभी सदस्य सदन में उपस्थित रहे तो सरकार को यह विधेयक पास कराने के लिए दो तिहाई बहुमत यानी 362 सदस्यों की आवश्यकता होगी। या फिर 439 सदस्य ही मौजूद रहे तो भी ये पास हो सकता है।
राज्यसभा में मोदी सरकार
राज्यसभा में भी एनडीए सरकार अभी बहुमत की स्थिति में नहीं है। हालांकि वर्तमान स्थिति के आधार पर सरकार बहुमत में पहुंच जा रही है। राज्यसभा में अभी 231 सदस्य हैं। जिसमें से एनडीए के 113 सदस्य हैं। छह राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत और दो निर्दलीय सांसदों का भी समर्थन मिल जाएगा। ऐसे में सरकार के पक्ष में 121 सांसद हैं। लेकिन दो तिहाई बहुमत के हिसाब से सरकार को 154 सांसदों का समर्थन चाहिए। जिस हिसाब से अभी भी 33 वोट कम पड़ रहे हैं।
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