एक देश एक चुनाव को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। इस कमेटी में कुल आठ सदस्य रहने वाले हैं जिसमें गृह मंत्री अमित शाह को भी शामिल किया गया है। अब कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को भी इस कमेटी में जगह दी गई है, लेकिन उनकी तरफ से गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर साफ मना कर दिया गया है।

अधीर रंजन चौधरी ने जोर देकर कहा है कि उन्हें ये सब एक बड़ा धोखा लग रहा है। वे ये भी मानते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को उस कमेटी में शामिल ना करना एक बड़ा अपमान है। इसी वजह से उनकी तरफ से अमित शाह को चिट्ठी लिखकर नाराजगी जता दी गई है। वैसे इस कदम से राजनीतिक जानकारों को ज्यादा हैरानी नहीं हुई है क्योंकि अभी तक इस दांव पर विपक्ष की रणनीति स्पष्ट नहीं है।

जानकारी के लिए बता दें कि अमित शाह के साथ इस कमेटी में अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे को शामिल किया गया है। संजय कोठारी को भी इस महत्वपूर्ण कमेटी का एक हिस्सा बनाया गया है। अब ये सभी एक देश एक चुनाव वाली प्रक्रिया पर मंथन करने वाले हैं, रामनाथ कोविंद की अगुवाई में इनकी तरफ से एक रूपरेखा तैयार की जाएगी, तमाम पहलुओं पर चर्चा भी देखने को मिल जाएगी।

असल में 18 से 22 सितंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। ऐसी अटकलें हैं कि उस सत्र के दौरान सरकार एक देश एक चुनाव को लेकर बिल पेश कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो ये अपने आप में एक बड़ा रीफॉर्म साबित हो जाएगा। लेकिन इस दांव को लेकर विपक्ष पूरी तरह तैयार नहीं दिख रहा है, इंडिया गठबंधन की बैठक में मंथन जरूर हुआ है, लेकिन इसका विरोध करना है, या साथ देना है, इसे लेकर कुछ भी बोलने से बचा जा रहा है।