चीन की गड़बड़ी अब भारत को दुनिया को बतानी चाहिए और तमाम दस्तावेज व प्रमाण को लेकर सामने आना चाहिए। भारत-चीन सीमा के ताजा विवाद पर रक्षा विशेषज्ञ रंजीत राय ने जनसत्ता से बातचीत में यह कहा। उन्होंने कहा कि इस रणनीति से ही दुनिया के सामने चीन का असली चेहरा उजागर होगा। अब तक केवल चीन प्रमाण दिखाकर दावेदारी कर रहा है लेकिन भारत के प्रमाण सामने रखने पर चीन पर वैश्विक दवाब बनेगा।
रंजीत राय ने कहा कि ये सभी जानकारियां इंटरनेट पर विभिन्न प्रमाणित नक्शे व अन्य दस्तावेजों के साथ दी जानी चाहिए। इससे वैश्विक दबाव के साथ सीमा पर शांति बहाली का रास्ता खुलेगा क्योंकि किसी भी प्रकार की जवाबी तैयारी होगी, तो उसका चीन को आसानी से पता चल जाएगा। यह सेटेलाइट के जरिये संभव है। इसलिए चीन पर वैश्विक दबाव बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब तत्काल जवाब देने का समय निकल गया है।
उन्होंने बताया कि वे हर साल भारत-चीन की सीमा पर जाते हैं। इस बार कोरोना संक्रमण होने से बार्डर पर नहीं गए लेकिन वहां पर हालात सामान्य नहीं हैं। हमेशा ही चीन ने भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की है लेकिन बीते वर्षों से पाकिस्तान पर बन रह दबाव के बाद चीन में लगातार बेचैनी देखी जा रही है। उसने यह कोशिश की है कि मुख्य जगहों पर उसका कब्जा हो ताकि वह हर तरफ अपनी निगरानी रख सके।
इस हमले को रंजीत राय चीन की घबराहट मानते हैं। इसी वजह से सोमवार को झगड़े के बाद एक जगह पर चीन अपना टॉवर ही छोड़कर चला गया। टॉवर के टूटने के बाद ही झगड़ा शुरू हुआ और मारपीट भी हुई। उन्होंने कहा कि टॉवर छोड़कर जाना इस बात का संकेत था कि वह वापस उस चौकी को चाहता है ताकि सरहद पर चल रही गतिविधियों पर नजर रहे। उन्होंने कहा कि चीन सीमा पर देश के साथ किए हर समझौते को तोड़ रहा है। चीन ने अब तक सन 1993, 2013 व 2015 के समझौते को भी तोड़ा है। इन समझौतों के तहत दोनों देशों के बीच बैठक करना और विवादित मसलों पर चर्चा कर समाधान निकालना शामिल था।
रंजीत राय ने बताया कि भारत के पास पढ़े-लिखे और प्रशिक्षत जवान हैं, जबकि चीन की सेना में ऐसी स्थिति नहीं है। जो बार-बार विवाद की भी वजह बनती है। सीमा पर तैनात जवानों पर अभ्रद टिप्पणियां की जाती हैं। ये सब चीनी भाषा में होता है और जिसे कोई समझ नहीं पाता। इसी बीच की पत्थरबाजी इतने सालों के बाद विवाद की वजह बनी है।
उन्होंने ने कहा कि इस सारे विवाद के बाद भी चीन को डर है कि भारत से उसके व्यापारी संबंध खराब होंगे। व्यापार बंद होने की स्थिति में चीन को बड़ा नुकसान उठाना होगा। वैसे भी कोरोना संक्रमण के बाद चीन की अर्थव्यस्था की हालत बिगड़ गई है। वर्तमान हालात इशारा कर रहे हैं कि भारत को हर स्थिति के लिए तैयार रहना है और सही समय पर जवाब देना है। सीमा पर सड़क जाल व नदी पर बने पुल के बाद प्वाइंट 14 तक के जाने का रास्ता साफ हुआ है। सीमा पर चल रहे काम पर कुछ दिन असर रहेगा। इस पर भी चीन अड़ंगा लगाता रहा है।