Om Prakash Chautala Dies: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार को निधन हो गया। भारत के पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवी लाल के बेटे ओम प्रकाश चौटाला कुल पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने लेकिन सिर्फ एक बार ही पांच साल का कार्यकाल पूरा सके।
ओम प्रकाश चौटाला पहली बार 2 दिसंबर 1989 को हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल 22 मई 1990 तक चला। वह पहले कार्यकाल में करीब छह महीने हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। इसके डेढ़ महीने बाद एक बार फिर उनके हाथ में हरियाणा की कमान आई। 12 जुलाई 1990 को वह फिर से हरियाणा के मुख्यमंत्री बने लेकिन पांच दिन बाद ही 17 जुलाई 1990 को सत्ता उनके हाथ से चली गई।
तीसरी बार जब ओम प्रकाश चौटाला 22 मार्च 1991 को हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तो दो हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। तीसरे कार्यकाल में ओम प्रकाश चौटाला 5 अप्रैल 1991 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। ओम प्रकाश चौटाला इन तीनों ही कार्यकाल में जनता दल के नेता के तौर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री बने।
ओम प्रकाश चौटाला 1999 में चौथी बार बने मुख्यमंत्री
इसके बाद ओम प्रकाश चौटाला (इनेलो नेता) के हाथ में हरियाणा की कमान काफी लंबे समय बाद साल 1999 में आई। वह 24 जुलाई 1999 को चौथी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और इस बार उनका कार्यकाल छह महीने से कुछ लंबा रहा। इस चुनाव में हरियाणा में इनेलो को जीत मिली। इंडियन नेशनल लोकदल को हरियाणा में 90 में से 47 सीटों पर जीत मिली जबकि उसकी सहयोगी बीजेपी छह सीटें जीतने में सफल रही।
ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे ओम प्रकाश चौटाला, जेल में रहकर की थी दसवीं पास
दसवीं हरियाणा विधानसभा के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल करने के बाद ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और उन्होंने पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। यह पहली बार था जब ओम प्रकाश चौटाला ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा किया। हालांकि इस कार्यकाल के बाद हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को बड़ा झटका लगा और वो महज नौ सीटों पर सिमट गई।
अब अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी
इस चुनाव में मिली हार के साथ ही हरियाणा की राजनीति में ओम प्रकाश चौटाला के युग का भी अस्त हो गया। हरियाणा में पिछले तीन चुनावों में बीजेपी ने जीत दर्ज की है, उससे पहले कांग्रेस पार्टी ने दस साल तक राज्य में शासन किया। वर्तमान समय में हालात ये हैं कि हरियाणा में इनेलो अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है और बीते विधानसभा चुनाव में उसे सिर्फ दो सीटें नसीब हुई हैं।