पिछले सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए भारत ने टोक्यो ओलंपिक में 7 मेडल जीता। जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का सर गर्व से ऊंचा कर दिया। देश में पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में ओलंपिक मेडल आने के बाद खेलों को बढ़ावा देने पर चर्चा शुरू हो गई है। इसी मुद्दे पर एक टीवी इंटरव्यू के दौरान जब एंकर ने ओलंपिक विजेता योगेश्वर दत्त से मेडल में सरकार के योगदान को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि आज प्रतिभाएं गांव में दम तोड़ रही हैं।
दरअसल टीवी चैनल न्यूज 24 को दिए एक इंटरव्यू के दौरान जब एंकर संदीप चौधरी ने 2012 लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त से सवाल पूछते हुए कहा कि मेडल दिलाने में सरकार कितना समर्थन करती है। जैसे आप रेसलिंग से रिटायर हो गए और आपको डीएसपी बना दिया तो सरकार ने एहसान कर दिया क्या। ये सरकारें एहसान करती है क्या और उसके बाद भूल जाती है?
एंकर संदीप चौधरी के इस सवाल के जवाब में ओलंपियन योगेश्वर दत्त ने कहा कि अगर हमें खेलों में महाशक्ति बनना है तो जमीनी स्तर पर मजबूत ढांचा तैयार करना होगा। इसके बाद ही मेडल बढ़ेंगे, नहीं तो हम 5-7 मेडल तक ही सिमटते रहेंगे। खिलाड़ी अगर सीनियर, जूनियर इंडिया कैंप में पहुंच जाता है तो उसे सभी तरह की सुविधाएं मिलती हैं और उसकी सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं।
आगे योगेश्वर दत्त ने कहा कि वहां डॉक्टर, कोच और अच्छी प्रैक्टिस होती है। लेकिन आज बहुत सारे गांव ऐसे हैं जहां ये सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं और प्रतिभाएं गांव में दम तोड़ रही हैं। इस दौरान योगेश्वर दत्त ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों के असफल होने के बाद उनके भविष्य पर भी तलवार लटकी रहती है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज भी कई खिलाड़ी चोट लगने और आर्थिक तंगी की वजह से गांव में ही पड़े हुए हैं।
बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में भारत के हिस्से में 7 मेडल आए हैं। जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल हासिल किया है। जबकि मीराबाई चानू को वेटलिफ्टिंग में और रवि दहिया को कुश्ती में सिल्वर मेडल हासिल हुआ है। वहीं पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में, लवलीना ने बॉक्सिंग में, बजरंग पुनिया ने फ्रीस्टाइल कुश्ती में और भारतीय टीम ने हॉकी में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।