Punjab News: साल 1993 में पंजाब की हरजीत कौर अमेरिका गईं थीं। वह कैलिफोर्निया में एक अप्रवासी थीं। उन्हें अमेरिका ने हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां लगाकर वापस भारत भेजा, जो कि किसी अपमान से कम नहीं था। अब हरजीत का दर्द छलका है। उन्होंने बताया कि कैसे वह अमेरिका में सभी टैक्स भरती थीं। नियमों का पालन करते हुए अमेरिका में रहती थीं। इसके बावजूद उनके साथ इतना बुरा सुलूक किया गया।

अमेरिका में तीन दशक बिताने के बाद हरजीत कौर अभी तक अपना परिवार से उजड़ने की बात स्वीकार नहीं कर पाई हैं। हालांकि, उन्हें अचानक निर्वासन के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाई है लेकिन ये कार्रवाई ट्रंप प्रशासन द्वारा अप्रवासियों पर की जा रही कठोर कार्रवाई का प्रतीक मानी जाती है।

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जबरदस्ती हुई गिरफ्तारी और बनाया दबाव

एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए हरजीत कौर ने दुखी मन से बताया कि उन्हें आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) द्वारा हथकड़ी लगाकर गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि मैं हर छह महीने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती थी। 8 सितंबर को जब वो गईं, तो उन्हें घंटों का इंतजार करना पड़ा।

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हरजीत कौर ने कहा कि अधिकारियों ने उनसे एक कागज़ पर हस्ताक्षर करने को कहा। जब वकील की मौजूदगी के बिना दस्तावेज पर हस्ताक्षऱ करने से उन्होंने इनकार किया तो उन्होंने दबाव बनाया। इसके बाद अधिकारियों ने कहा कि उनके पास मेरे फिंगरप्रिंट हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने मुझे गिरफ़्तार कर लिया है लेकिन कोई कारण नहीं बताया।

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‘बंदियों को दी जाने वाली वर्दी पहनी’

हरजीत कौर के बारे में बता दें कि वे उन 2,400 से ज़्यादा भारतीयों में शामिल हैं, जिन्हें ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई शुरू करने के बाद देश से निकाला गया है वह दो दिन पहले भारत पहुंचीं और उन्होंने बंदियों को दी जाने वाली वर्दी पहन रखी थी। वह अपने साथ घटी घटना को बताते हुए रो पड़ीं और कहा कि मेरे पोते ने मुझसे कहा था कि मैं तुम्हें इन कपड़ों में नहीं देख सकता।

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हरजीत कौर ने बताया कि मुझे दवाइयां नहीं दीं गईं। मैं सिर्फ़ चार घंटे सो पाई। मुझे चैन नहीं मिला। उन्होंने बताया कि कैसे उनके पैरों में सूजन आ गई थी। जिस दिन मुझे गिरफ़्तार किया गया, मैं पूरी रात बैठ नहीं पाई। पंजाब की एक लड़की ने मुझे लेटने को कहा था। मैं मान गई, लेकिन अगली सुबह मैं उठ नहीं पाई।

उनके वकील दीपक अहलूवालिया ने आरोप लगाया है कि उन्हें हिरासत केंद्र में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी गई। उन्हें ज़मीन पर सोना पड़ा, नहाने की सुविधा नहीं दी गई, और उन्हें आम तौर पर किसी व्यावसायिक यात्री जेट की बजाय एक छोटे, चार्टर्ड विमान से ले जाया गया।

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