इंदौर में हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद पुलिस ने अल्पसंख्यक बहुल इलाके चांदनखेड़ी में कारवाई करना शुरू कर दिया है।पिछले बुधवार को इलाके के करीब 15 घर तोड़ दिए गए थे वहीँ अब सड़क को चौड़ी करने के नाम पर भी इन इलाकों में घरों को तोड़ा जा रहा है। पिछले दिनों इंदौर जिले के चांदनखेड़ी गांव में हिंदू संगठन की एक रैली पर पथराव हो गया था जिसके बाद पुलिस ने इससे जुड़े करीब 30 लोगों को गिरफ्तार किया था।
सड़क चौड़ीकरण को लेकर जब स्थानीय तहसील के सबडिविजनल मजिस्ट्रेट प्रतुल सिन्हा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि शुरुआत में सिर्फ सड़क निर्माण की ही योजना थी लेकिन हिंसक झड़प की घटना के बाद इस सड़क को और चौड़ी करने का भी निर्णय लिया गया। साथ ही सिन्हा ने कहा कि हमने इलाके के निवासियों को अपना सामान निकलने के लिए पर्याप्त समय दिया था और इसमें किसी का नुकसान भी नहीं हुआ। सड़क को चौड़ी करने के लिए करीब 13 घरों में आंशिक रूप से तोड़फोड़ की गयी है।
जिन घरों को तोड़ा गया उसमें स्थानीय पंचायत सदस्य मोहम्मद रफीक का घर भी शामिल था। रफीक की पत्नी परवीन बी ने इंडियन एक्सप्रेस संवाददाता को बताया कि घर तोड़े जाने से सिर्फ एक दिन पहले जिला प्रशासन के कुछ अधिकारी आये और उन्हें घर खाली करने के लिए कहने लगे। वो आगे कहती हैं कि मैंने पुलिस से गुहार लगायी कि पहले ही मेरे पति को पत्थरबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है ऐसे में मैं अपने टूटे घर में कैसे सुरक्षित रह सकती हूँ। लेकिन अधिकारियों ने उनकी मांग को अनुसना कर दिया।
चांदनखेड़ी गांव इंदौर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर है। इस गाँव में करीब 400 मुस्लिम और लगभग 15 हिन्दू परिवार रहता है। दरअसल कुछ दिन पहले इस इलाके में हिन्दू संगठनों के लोगों ने राम मंदिर के लिए धन जुटाने के लिए रैलियाँ निकाली थी। जिसके बाद एक गुट ने रैली पर पथराव किया था। उसके बाद दोनों गुट आमने-सामने हो गए थे और काफी हिंसक झड़प हो गयी थी। मामले में लापरवाही पर स्थानीय थाना टीआई रमेशचंद भास्कर को निलंबित किया गया है और सांवेर एसडीओपी पंकज दीक्षित को भी हटा दिया गया है।