ओडिशा ट्रेन हादसे में घायल एक 15 वर्षीय नौजवान ने अस्पताल में चल रहे टीवी में अपने मां-बाप की पहचान की। वह घटना के बाद से अस्पताल में भर्ती था और उसके मां-बाप उसकी तलाश में जुटे थे। उन्हें लाइव टेलीविज़न इंटरव्यू  से अपने नाबालिग बेटे का पता लगाने में मदद मिली। 15 वर्षीय रामानंद पासवान 2 जून को हादसे के वक़्त कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार था।

रामानंद (15) ने अपने माता-पिता को एक टीवी सेट पर चल रहे समाचार चैनल पर देखा और अधिकारियों को यह जानकारी दी। इसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया और उसे उसके मां-बाप से मिला दिया गया।

अधिकारी ने दी जानकारी 

एक अधिकारी ने कहा कि अस्पताल ने उस लड़के को उसके मां-बाप से मिलाने में ज़रा भी देर नहीं की, वह कोरोमंडल एक्सप्रेस में यात्रा कर रहा था। उसके माता-पिता नेपाल से उसकी तलाश में आए थे। 

पिता का बयान 

रामानंद पासवान के पिता हरी पासवान ने अपने बेटे को पाकर एक बयान देते हुए कहा, “मैं अपने बेटे को पाकर खुश हूं। वह हमारे तीन रिश्तेदारों के साथ यात्रा कर रहा था। हादसे में उन सभी की मौत हो गई। वह बच गया, यह हमारे लिए चमत्कार है”। 

अस्पताल के चक्कर लगा रहे थे मां-बाप 

लड़के के माता-पिता उसकी तलाश में एक के बाद एक अस्पताल के चक्कर लगा रहे थे। एम्स, भुवनेश्वर में एक स्थानीय टीवी समाचार चैनल को अपनी आपबीती सुनाते हुए उन्होने एक इंटरव्यू दिया था। रामानंद ने अपने कमरे में टीवी पर रिपोर्ट देखी और अपने माता-पिता की पहचान की। उन्होंने इसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन को दी। अस्पताल ने टीवी चैनल के कार्यालय को फोन किया और उसके मां-बाप के बारे में जानकारी हासिल की।

कोरोमंडल एक्सप्रेस 2 जून को शाम 7 बजे हादसे का शिकार हो गयी थी। जिसके अधिकांश डिब्बे पटरी से उतर गए थे। यह एक भयानक हादसा था, जिसके बाद कुल मिलाकर 288 लोग दुर्घटना में मारे गए और 1,200 से अधिक घायल हो गए।