Balasore Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर यह हादसा कैसे हुआ? इस हादसे के पीछे किसकी गलती है। हालांकि, हादसे की जांच के लिए केंद्र सरकार ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। इन सबके बीच एक सवाल यह भी सामने आया है कि इस रूट पर ‘कवच’ सिस्टम उपलब्ध नहीं था। इस बात की जानकारी रेलवे प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने दी। रेलवे प्रवक्ता अमिताभ शर्मा के मुताबिक, इस रूट पर ‘कवच’ उपलब्ध नहीं था। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान पूरा हो गया है। हम बहाली काम शुरू कर रहे हैं।

क्या है कवच सिस्टम (What is Kavach system)?

ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (टीसीएएस) के नाम से देश में एक स्वचालित सुरक्षा प्रणाली विकसित की गई है। जिसे “कवच” नाम दिया गया है। सीधे शब्दों में कहें, यह लोकोमोटिव में स्थापित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस का एक सेट है, जो सिग्नलिंग सिस्टम के साथ-साथ पटरियों पर ट्रेनों की स्पीट को नियंत्रित करने में सक्षम है।

भारतीय रेलवे ने चलती हुई ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कवच नामक एक स्वचलित ट्रेन सुरक्षा (Automatic Train Protection) सिस्टम विकसित किया है। यह सिस्टम ट्रेन ड्राइवरों की भरोसे की साथी है। ऐसे में अगर ट्रेन का ड्राइवर कहीं स्पीड कंट्रोल करना या ब्रेक लगाना भूल जाता है तो कवच (Kavach ) प्रणाली ब्रेक इंटरफेस यूनिट द्वारा ट्रेन को कंट्रोल कर लेती है। इस सिस्टम को तीन भारतीय फर्मों के साथ संयुक्त रूप से डिजाइन और मानक संगठन द्वारा विकसित किया गया है।

कैसे करता है काम?

कवच सिस्टम को पूर्ण रूप से देश में विकसित किया गया है। यह ट्रेनों की हर पल निगरानी करती है। यह सिस्टम सिग्नल और ट्रेन की स्पीड से संबंधित दुर्घटनाओं को रोकने में पूरी तरह से सक्षम है। ट्रेनों का संचालन मुख्यत: स्टेशन मास्टर और ट्रेन ड्राइवरों द्वारा किया जाता है। ऐसे में ट्रेनों की सुरक्षा की सर्वाधिक जिम्मेदारी स्टेशन मास्टर और ट्रेन ड्राइवरों पर है। स्टेशन मास्टर से ट्रेनों के परिचालन में कोई गलती न हो, यह सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग द्वारा सिस्टम की इंटरलाकिंग द्वारा सुनिश्चित किया जाता है, लेकिन ट्रेन ड्राइवरों के पास अब तक कोई ऐसी विश्वसनीय मदद नहीं थी।

कवच सिस्टम द्वारा प्रदान की जाने वाली अन्य विशेषताओं में फाटकों पर आटो सीटी बचाना या किसी जोखिम के मामले में अन्य ट्रेनों को कंट्रोल या सावधान करने के लिए आटो-मेनुअल SOS सिस्टम को तत्काल एक्टिव करना भी शामिल है। जिससे ट्रेनों का संचालन आसपास रोक दिया जाए। इसके अलावा कवच सिस्टम घने कोहरे, बारिश के दौरान खराब हुए मौसम के दौरान ट्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यदि लोको पायलट ब्रेक लगाने में विफल रहता है तो भी यह सिस्टम स्वचलित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन की स्पीड को नियंत्रित करती है। वहीं कहा जा रहा है कि अगर ओडिशा के बालासोर में कवच सिस्टम होता तो इस हादसे को टाला जा सकता था।