ओडिशा कोर्ट द्वारा समर्थित कमेटी और प्रदेश के आला अधिकारियों ने गृह विभाग को तटीय जिले केंद्रपाड़ा में एनआरसी यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस लागू करने की प्रक्रिया शुरू करने का सुझाव दिया है। इंडियन एक्सप्रेस को मिले दस्तावेजों से संकेत मिलता है कि एनआरसी लागू करने का सुझाव एमिकस क्यूरी मोहित अग्रवाल ने दिया है, जो भितरकनिका और चिल्का आर्द्रभूमि की सुरक्षा निगरानी में राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं।
तीन अगस्त को होम डिपार्टमेंट को लिखे पत्र में उन्होंने संकेत दिए कि ‘समिति ने एमिकस के विचार को साझा किया, भले ही इसे भेजने वाले अधिकारी ने NRC के बारे में कोई सुझाव देने से इनकार किया हो।’ पत्र में एनवायरनमेंट के डायरेक्टर और फॉरेस्ट के स्पेशल सेकेट्ररी के. मुरुगेसन ने लिखा, ‘मुझे यह बताने के लिए निर्देशित किया गया है कि समिति की चौथी बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार भारत सरकार से विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया जा सकता है कि वह एनआरसी की तैयारी के लिए अनुमति दे।’
बता दें कि समिति की चौथी बैठक 24 जून, 2019 को F&E डिपार्टमेंट और अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई, जिसमें केंद्रपाड़ा में एनआरसी लागू करने के विचार पर बातचीत हुई।
मुरुगेसन ने फोन पर इंडियन एक्सप्रेस को बताया को समिति ने केवल एक अनुरोध प्राप्त किया था। उन्होंने कहा, ‘एनआरसी लागू करना सरकार का अनुरोध नहीं था। हमने होम डिपार्टमेंट को एमिकस क्यूरी के अनुरोध से अवगत कराया। है।’
फॉरेस्ट और एनवायरनमेंट डिपार्टमेंट के मुख्य सचिव एससी महापात्रा ने कहा, ‘समिति केवल वेटलैंड के संरक्षण से संबंधित है। हम अतिक्रमणकारियों को बेदखल कर रहे हैं, और इसका बांग्लादेशी प्रवासियों से कोई लेना-देना नहीं है।’ जानना चाहिए कि ओडिशा में हजारों अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का मुद्दा करीब दो साल पहले सामने आया था।