ओडिशा सरकार ने राज्य के वन और पर्यावरण विभाग के फील्ड स्टाफ के लिए महिंद्रा थार गाड़ियों की खरीद और कस्टमाइजेशन में अनियमितता पाए जाने पर विशेष जांच के आदेश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, पिछले साल नवंबर में वन विभाग ने 7.1 करोड़ रुपये में 51 ऑल-टेरेन व्हीकल (एटीवी) खरीदे थे, लेकिन इन गाड़ियों के कस्टमाइजेशन पर खर्च किए गए पांच करोड़ रुपये ने सभी को चौंका दिया।
मंत्री ने दिए जांच के आदेश
इसके बाद राज्य के वन और पर्यावरण मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया की ओर से एक लेटर जारी कर कहा गया कि पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) कार्यालय का ओडिशा के अकाउंटेंट जनरल की टीम स्पेशल ऑडिट करेगी। अनियमितिता के आरोपों पर मंत्री ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी।
की जाएगी ये जांच
एक अधिकारी ने कहा कि स्पेशल ऑडिट के दौरान, यह सत्यापित किया जाएगा कि कस्टमाइजेशन के लिए राशि को मंजूरी देते समय उचित प्रक्रिया का पालन किया गया या नहीं, क्या इसमें राज्य के वित्त विभाग की सहमति थी, लगाई गई चीजों की जरूरत थी या नहीं और क्या इसमें किसी बाहरी एजेंसी को शामिल किया गया था?
हर गाड़ी में लगवाए 21 पार्ट्स
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि हर एक एटीवी (गाड़ी) में 21 पार्ट्स को लगाया गया है, जिसका कुल खर्च पांच करोड़ रुपये है। इसका उद्देश्य गश्त, निगरानी और सर्वे के कामों को तेज करना, प्रक्रिया के समय को कम करना और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना है।
जांच की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि जंगलों के दुर्गम और दूर इलाकों में जाने लायक बनाने के लिए वाहनों में कुछ पार्ट्स लगवाए जाने का निर्णय लिया गया, ताकि गहन गश्त की जा सके। यदि ऑडिट प्रक्रिया के दौरान गड़बड़ी पाई गई तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
22 वन्यजीव प्रखंडों में होगी तैनाती
जानकारी दे दें कि यह सभी 51 ऑल टेरेन व्हीकल (एटीवी) 22 वन्यजीव प्रखंडों में तैनात की जाएंगी। इनमें से सबसे ज्यादा नौ गाड़ियां सिमलीपल टाइगर रिजर्व में तैनात होंगी, जहां सबसे अधिक खतरा रहता है।
