हरियाणा के नूंह में भड़की हिंसा की आग ने 6 ज़िंदगियों को निशाना बनाया है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने जानकारी दी है कि दो होमगार्ड समेत 4 आम नागरिकों की मौत हुई है। मारे गए दो होमगार्ड में से एक नीरज के पिता और पत्नी का बयान सामने आया है। उनका परिवार गुरुग्राम के गढ़ी बाजिदपुर में रहता है। होमगार्ड नीरज के पिता का कहना है कि वह हमेशा भाईचारे के साथ रहते आए हैं और कभी ऐसा नहीं सोचा था कि ऐसी हिंसा उनके बेटे की जान ले लेगी।
‘मैंने कारगिल की लड़ाई लड़ी, मुझे अपने बेटे पर गर्व है’
होमगार्ड नीरज के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है और बहुत सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया है। उन्होंने कहा,” मैंने कारगिल की लड़ाई लड़ी है, मैंने देश की सेवा की है, मुझे गर्व है कि मेरा बेटा अपना फर्ज निभाते हुए शहीद हुआ है।”
नीरज के पिता ने सांप्रदायिक हिंसा की इस आग को रोकने की अपील करते हुए कहा कि कोई भी धर्म हिंसा नहीं सिखाता है। उन्होंने कहा, “इस तरह का तनाव पैदा करने वाले लोग गलत हैं और किसी भी धर्म ने ऐसा नहीं कहा है, मुझे मेरे बेटे पर गर्व है और मैं अपने पौते को भी सेना में भेजुंगा।”
‘मैं नहीं चाहती कि मेरी तरह कोई और भी विधवा हो’
होमगार्ड नीरज की पत्नी ने कहा कि इस लड़ाई को रोक दिया जाना चाहिए इससे किसी का भला नहीं हो रहा है। उन्होने कहा,”मैं नहीं चाहती कि मेरी तरह कोई और भी विधवा हो।”
सोमवार को 37 वर्षीय होमगार्ड नीरज ने अपने परिवार को यह सूचना दी थी कि वह क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव के रहते नूंह जा रहा है। शाम को परिवार को सूचना दी गई कि उसकी मौत हो गई है। नीरज के भाई सुखदेव ने कहा, “उनके दो बच्चे हैं – एक सात साल का लड़का और एक पाँच साल की लड़की। पत्नी काम नहीं करती, वह अपने अपने पिता के साथ एक संयुक्त परिवार में रहते थे। वही एक थे जिनके रहते परिवार चल पा रहा था।”