नूंह हिंसा ने हरियाणा सरकार को सवालों के घेरे में ला दिया है। आखिर कैसे इतने बड़े स्तर पर हिंसा हो गई, 6 लोगों की जान चली गई। इस एक घटना में कई लोगों के नाम लगातार सामने आ रहे हैं। मोनू मानेसर का जिक्र तो हो ही रहा है, इसके अलावा कांग्रेस विधायक मामन खान का नाम भी कई मौकों पर सामने आ गया है। बीजेपी और खुद मोनू मानेसर ने इस कांग्रेस विधायक को ही हिंसा के लिए जिम्मेदार बता रही है।
नूंह हिंसा का असली मास्टमाइंड कौन?
अब मामन खान पर जो आरोप लग रहे हैं, उसके पीछे एक बड़ा तर्क दिया जा रहा है। इस साल फरवरी में हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायक का एक बयान विवाद का विषय बन गया था। उनकी तरफ से बजरंग दल के मोनू मानेसर को धमकी दे दी गई थी। एक बयान में उन्होंने कहा था कि ये मोनू मानेसर कहीं अमित शाह के साथ फोटो खिचवा रहा है, कहीं अरुण जेटली के साथ फोटो खिचवा रहा है। क्या डराना चाहता है हमे ये बताकर कि कितना बड़ा आदमी है। अब की बार ये मेवात में गया तो इसको प्याज की तरह फोड़ देंगे।
अब कहने को ये बयान फरवरी में दिया गया था, लेकिन बीजेपी इसे वर्तमान में हुए नूंह हिंसा से जोड़ रही है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मामन खान ने विधानसभा में जो बयान दिया और जिस तरह की सोशल मीडिया पोस्ट लिखी, कांग्रेस की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस ने आरोप पर क्या बोला?
ये अलग बात है कि कांग्रेस इस तरह आरोप-प्रत्यारोप वाली राजनीति को गलत मान रही है। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने तो यहां तक कहा है कि विधायक द्वारा वो विवादित बयान कई महीने पहले दिया गया था। उस बयान पर भी बाद में माफी मांग ली गई थी। ऐसे में उसे नूंह हिंसा से जोड़ना गलत है। दीपेंद्र हुड्डा ने तो यहां तक कहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को जिम्मेदारी लेते हुए खुद अपना इस्तीफा सौंप देना चाहिए।
कौन हैं मामन खान?
मामन खान की बात करें तो वे दक्षिण हरियाणा क्षेत्र में खासा सक्रिय हैं, उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर फिरोजपुर झिरका सीट से जीत दर्ज की थी। 2019 वाले चुनाव में उनकी तरफ से बीजेपी के नसीम अहमद को 32000 वोटों से हरा दिया गया था। इससे पहले नसीम अहमद ने भी मामन को उससे पहले वाले विधानसभा चुनाव में हार का स्वाद चखवाया था।