नूंह हिंसा के बाद हरियाणा सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है। आरोपियों के खिलाफ तो कार्रवाई हो ही रही है, उसके साथ ही बुलडोजर कार्रवाई भी तेज कर दी गई है। पिछले तीन दिनों से लगातार हिंसा प्रभावित इलाकों में कई इमारतें जमींदोज कर दी गई हैं। उसी कड़ी में शनिवार को भी 24 मेडिकल की दुकाने ढहा दी गईं। तर्क दिया गया कि ये अवैध तरह से बनाई गई थीं।
क्यों हो रही बुलडोजर कार्रवाई?
बताया जा रहा है कि नूंह में इस कार्रवाई को करने से पहले शहीद हसन खान मेवाती सरकारी मेडिकल कॉलेज के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। उस तैनाती के बाद ही अस्पताल के सामने वालीं कई मेडिकल दुकानों को जमींदोज कर दिया गया। ये दुकानें कई सालों से यहां पर चल रही थीं, लेकिन अब इन्हें अवैध बताकर साफ कर दिया गया।
बड़ी बात ये है कि नूंह हिंसा के बाद से बुलडोजर कार्रवाई में ज्यादा तेजी आ गई है। पिछले तीनों में अब तक 50 से 60 निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया है। सरकार इसे जरूर नूंह हिंसा से नहीं जोड़ रही है, लेकिन टाइमिंग की वजह से सवाल खड़े हो गए हैं। विपक्ष ने तो अभी से ही सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। एक नेता ने ट्वीट कर लिखा कि नूंह में ये महज ग़रीबों के मकान ही नहीं ढहाए जा रहे बल्कि आम जन के विश्वास, भरोसे को गिराया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि आज महीने पुरानी बैक डेट में नोटिस देकर आज ही मकान दुकान गिरा दिये। सरकार प्रशासनिक विफलताओं को छुपाने के लिए गलत कारवाई कर रही है, ये दमनकारी नीति है।
क्यों हुई नूंह में हिंसा?
नूंह हिंसा की बात करें तो ये मोनू मानेसर के एक वीडियो के बाद भड़क गई थी। असल में हिंसा से दो दिन पहले मोनू मानेसर ने कहा था कि नूंह से जो वीएचपी की यात्रा निकलने वाली है, उसमें वे भी शामिल होंगे। उस एक वीडियो के बाद दूसरे समुदाय के लोगों की तरफ से भी भड़काऊ पोस्ट शेयर किए गए। नतीजा ये निकला कि जिस दिन यात्रा शुरू हुई, वहां पर जमकर हिंसा हुई, पथराव हुआ और 6 लोगों की मौत हो गई। अभी तक नूंह हिंसा मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जांच जारी है, ऐसे में आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां होती दिख सकती हैं।