देश की अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा दिखाई दे रहा है। नई नौकरियां जरुरत के मुताबिक पैदा नहीं हो रही हैं, वहीं मंदी के असर के चलते हजारों नौकरियां जा चुकी हैं। लार्सन एंड टर्बो ग्रुप के चेयरमैन एएम नाईक ने भी मौजूदा स्थिति पर चिंता जाहिर की है और कहा है कि सरकार की प्राथमिकता नई नौकरियां पैदा करना होना चाहिए। इकनॉमिक टाइम्स के साथ बातचीत में एएन नाईक ने देश में नौकरियों के मौजूदा हालात पर चर्चा की। बता दें कि एएन नाईक नेशनल स्किल डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन (NSDC) के हेड भी हैं।
नाईक से जब देश में बढ़ती बेरोजगारी दर पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि देश में रोजगार तभी बढ़ेंगे, जब औद्योगिक विकास होगा और उपभोक्ता मांग में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि कई इंडस्ट्री बंद हो चुकी हैं, वहीं कई इंडस्ट्री काफी कम प्रोडक्शन कर रही हैं। इंडस्ट्रीज में निवेश नहीं हो रहा है और उपभोक्ता मांग में भी कमी आयी है। नाईक ने कहा कि सरकार को नौकरियां देने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने को अपनी प्राथमिकता में रखना चाहिए।
नाईक के अनुसार, हमें उपभोग पर आधारित इकोनॉमी बनानी होगी। हमें लोगों की प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाना होगा, जिससे उपभोक्ता मांग में तेजी आ सके। स्किल डेवलेपमेंट पर नाईक ने कहा कि बड़ी संख्या में युवा स्किल डेवलेपमेंट से जुड़ रहे हैं, लेकिन उस अनुपात में युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। स्किल डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन के हेड के अनुसार, इंड्स्ट्रीज के साथ संपर्क मजबूत करने की जरुरत है। जिससे स्किल्ड युवाओं को मौके मिल सकें।
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स्किल्ड युवाओं के विदेश में नौकरी मिलने के सवाल पर नाईक ने कहा कि इसमें सबसे बड़ी चुनौती भाषा की आती है। उन्होंने कहा कि अरब देशों में भाषा इतनी बड़ी रुकावट नहीं है, लेकिन अब इन देशों में ज्यादा नौकरियां नहीं मिल रही हैं। ऐसे में युवाओं के सामने जापान और रुस का विकल्प है, क्योंकि वहां पर काफी मौके मौजूद हैं, लेकिन ये देश पूरी तरह से स्किल्ड मैनपॉवर को ही प्राथमिकता देती है। साथ ही इन देशों में भाषा की भी दिक्कतें है, जिसके चलते ज्यादा संख्या में युवाओं को इन देशों में अभी नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं।