राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को लागू करने को लेकर काफी विवाद चल रहा है। अब खबर आयी है कि सरकार एनपीआर की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने पर विचार कर रही है, जहां लोग खुद ही अपनी जानकारी अपडेट कर सकेंगे।

इस तरह एनपीआर को लेकर जो लोगों में डर और आशंका का माहौल है, प्रक्रिया को ऑनलाइन और स्वैच्छिक अपडेट करने से वह काफी हद तक नियंत्रित हो सकता है।

हालांकि यह सुविधा सिर्फ उन लोगों को ही मिलेगी, जिन्होंने 2015 के एनपीआर के दौरान अपनी आधार डिटेल्स दी थीं। बता दें कि 2015 में करीब 60 करोड़ लोगों ने अपनी आधार डिटेल्स दी थीं।

रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) के पास 119 करोड़ भारतीयों का एनपीआर डाटा है। जिसे इस साल होने वाली एनपीआर प्रक्रिया से अपडेट किया जाएगा। गृह मंत्रालय RGI की आधिकारिक वेबसाइट के द्वारा एनपीआर की प्रक्रिया को ऑनलाइन कराने पर विचार कर रहा है।

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द संडे एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि “हमारे पास 60 करोड़ भारतीयों के आधार नंबर पहले से ही हैं। ये लोग RGI की वेबसाइट पर जाकर खुद ही अपना एनपीआर डाटा अपडेट कर सकते हैं। अपना आधार नंबर डालने के बाद व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी जनरेट होगा, जिसके बाद वह अपने 2015 में भरे गए डाटा को देख सकेंगे और उसमें बदलाव भी कर सकेंगे।”

अधिकारियों के अनुसार, 60 करोड़ से इतर अन्य करीब 70 करोड़ लोगों को, जिनका आधार डाटा एनपीआर से नहीं जुड़ा हुआ है, उन्हें ऑनलाइन अपडेशन के लिए 2030 में होने वाली एनपीआर प्रक्रिया तक इंतजार करना होगा। फिलहाल इन 70 करोड़ लोगों के पास सरकारी प्रतिनिधि जाएंगे और उनसे सवाल पूछेंगे। जिन लोगों ने अपना ऑनलाइन डाटा अपडेट कर दिया है उनसे कोई सवाल जवाब नहं होंगे।

अधिकारियों के अनुसार, 60 करोड़ से इतर अन्य करीब 70 करोड़ लोगों को, जिनका आधार डाटा एनपीआर से नहीं जुड़ा हुआ है, उन्हें ऑनलाइन अपडेशन के लिए 2030 में होने वाली एनपीआर प्रक्रिया तक इंतजार करना होगा।

फिलहाल इन 70 करोड़ लोगों के पास सरकारी प्रतिनिधि जाएंगे और उनसे सवाल पूछेंगे। जिन लोगों ने अपना ऑनलाइन डाटा अपडेट कर दिया है उनसे कोई सवाल जवाब नहं होंगे। गृह मंत्रालय साल 2021 में होने वाली जनगणना को भी ऑनलाइन कराने पर विचार कर रहा है।