लाल किला, कुतुब मीनार और अजंता एलोरा की गुफाओं समेत देशभर में एएसआइ के 116 स्मारकों में प्रवेश शुक्रवार से महंगा हो गया। घरेलू पर्यटकों को अब ताजमहल देखने के लिए 20 की जगह 40 रुपए प्रति व्यक्ति देने होंगे जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क को 750 रुपए प्रति व्यक्ति से बढ़ा कर 1000 रुपए कर दिया गया है।
सरकार ने शुक्रवार को घरेलू पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क में तीन गुना और विदेशी पर्यटकों के लिए शत-प्रतिशत वृद्धि कर दी। संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि 32 ‘विश्व विरासत स्मारकों’ में घरेलू आगंतुकों के वास्ते टिकट का दाम 10 रुपए से बढ़ा कर 30 रुपए तथा विदेशी नागरिकों के लिए टिकट का मूल्य 250 से बढ़ा कर 500 रुपए कर दिया गया है।
दक्षेस और बंगाल की खाड़ी बहुु क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल के देशों के नागरिक भारतीयों के समतुल्य समझे जाएंंगे और उनसे घरेलू पर्यटकों जितना शुल्क वसूला जाएगा। विश्व विरासत स्थलों के अलावा अन्य स्मारकों पर अब भारतीयों को पांच रुपए के स्थान पर 15 रुपए देने होंगे जबकि विदेशियों को 100 रुपए की जगह 200 रुपए खर्च करने होंगे। बयान में कहा गया है, ‘यह वृद्धि 15 सालों से भी अधिक समय बाद की गई है। पिछली वृद्धि 2000 में हुई थी, दरोंं में वृद्धि विदेशों में प्रवेश शुल्क में वृद्धि जैसी ही है।’
ताजमहल पर शुल्क वृद्धि की आरंभिक योजना के तहत घरेलू पर्यटकों के लिए उसे 50 रुपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 1200 रुपए करना था, लेकिन पर्यटन उद्योग और ट्रैवल एजेंट्स के कड़े विरोध के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने प्रवेश शुल्क क्रमश: 40 रुपए और 1000 रुपए तय किया। विदेशी पर्यटकों से मिलने वाले 1000 रुपए प्रवेश शुल्क में से 50 प्रतिशत आगरा विकास प्राधिकरण को मिलेगा जबकि शेष 500 रुपए एएसआइ को मिलेंगे।
फतेहपुर सीकरी, आगरा किला, एतमादुदौला, सिकंदरा और अन्य स्मारकों के प्रवेश शुल्क में भी इसी अनुपात में वृद्धि की गई है। पर्यटन गाइड वेद गौतम का कहना है, ‘फतेहपुर सीकरी सहित सभी स्मारकों पर, पुरानी टिकटों पर नए शुल्क की मुहर लगा कर पर्यटकों से नई दरों से शुल्क वसूल किया जा रहा है।’ चूंकि ताजमहल शुक्रवार को बंद रहता है, ऐसे में बुकिंग खिड़की पर कोई पर्यटक नहीं था।