बॉलीवुड के जानेमाने गीतकार जावेद अख्तर ने ट्विटर पर शर्तों के साथ एक रोहिंग्या परिवार को गोद लेने की इच्छा जताई थी। इसके बाद कई लोग उन्हें आड़े हाथ लेने लगे। जावेद अख्तर इससे इतना नाराज हो गए कि उन्होंने एक व्यक्ति से कहा कि आप बहुत बीमार हैैं। दरअसल, जावेद ने ट्वीट किया था, ‘मैं एक (रोहिंग्या) परिवार को गोद लेना चाहता हूं, लेकिन वह परिवार भारत में कानूनी तौर पर रहने का हकदार हो। यदि सरकार उसे शरणार्थी का दर्जा देती है और वह कहां जाए इसका उसे खुद पता न हो तो मैं उसे आश्रय मुहैया कराऊंगा।’ जावेद अख्तर का यह ट्वीट सामने आते ही लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी। इस पर अनिल कुमार आचार्य ने ट्वीट किया, ‘पाकिस्तान के ये दलाल कह रहे हैं कि कानूनी तौर पर शरणार्थी का दर्जा प्राप्त रोंहिग्या समुदाय के लोगों को केंद्र आश्रय उपलब्ध कराए। अवैध रूप से देश में रहने वाले रोहिंग्या को मामता बनर्जी, महबूबा मुफ्ती और अन्य के द्वारा शरण दिया जाएगा। …वाह जावेद भाई जवाब नहीं तुम्हारा।’
Yes I am willing to adapt one family and I mean it but the family has to be legally in India . If the govt has granted them refuge and they have no where to go I will provide them shelter
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 27, 2018
Aap jantay Nahin magar aap Bahut bimaar hain . Iss beemaari mein Insaan ki insaniyat mar Jati hai.
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 28, 2018
@Javedakhtarjadu What this Paki pimp is saying that legally refugee status granted Rohingiyas are to be given shelter by Center & illegal Rohingiyas are to be given shelter by Mamta बीबी, Mehbooba Mufti & others be given shelter by Paki pimps.
Wah Javed bhai jawab nahi tumhara. https://t.co/JnkSjOWJNz— Anil kumar Acharya (@acharyaseenu) March 28, 2018
जावेद अख्तर ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई और ट्वीट किया, ‘आप जानते नहीं मगर आप बहुत बीमार हैं। इस बीमारी में इंसान की इंसानियत मर जाती है।’ उनके इस बयान के बाद सोशल साइटों पर प्रतिक्रियाओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। एक व्यक्ति ने लिखा, ‘चाचा इतनी हमदर्दी कश्मीरी पंडितों के लिए भी दिखाई होती तो आज वो कश्मीर से भगाए नहीं जाते…सिर्फ ट्विटर पर ज्ञान दे रहे हैं।’ दूसरे शख्स ने ट्वीट किया, ‘भारत ने जब भी मुसलमानों को अवैध तरीके से देश में रहने की अनुमति दी है, उसका परिणाम बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। यहां तक कि सऊदी अरब भी रोंहिग्याओं को शरण नहीं दे रहे हैं।’ राणा निशांत सिंह ने ट्वीट किया, ‘ये आतंकियों का शरणगाह बनाने को कब से आतुर हैं। कभी कश्मीरी पंडितों को शरण दे देते जो भारतीय भी हैं।’बता दें कि म्यांमार में सैन्य कार्रवाई के बाद लाखों की तादाद में रोहिंग्या समुदाय के लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। बांग्लादेश के अलावा भारत में भी हजारों की तादाद में रोहिंग्या शरणार्थियों ने शरण ले रखी है। भारत उन्हें औपचारिक तौर पर शरणार्थी का दर्जा देने के पक्ष में नहीं है। इस मसले पर पड़ोसी देश से भी बात की गई है। इसके अलावा केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को भी इससे अवगत कराया है।