नागरिकता संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद अब यह कानून बन जाएगा। इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिमों जिनमें सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। बिल को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी पैमाने पर विरोध हो रहा है। यहां के लोगों का कहना है कि बिल के पारित होने के बाद यहां की सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत से खिलवाड़ होगा। पढ़े सीएबी से जुड़ी अन्य खबरें….
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इस बिल को लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी पैमाने पर विरोध हो रहा है। यहां के लोगों का कहना है कि इस बिल के पारित होने के बाद यहां की सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत से खिलवाड़ होगा।
Written by जनसत्ता ऑनलाइनEdited by Anil Kumar
नई दिल्ली
Updated: 
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First published on: 12-12-2019 at 17:31 IST