देश के सबसे बड़े नोएडा हवाई अड्डे के पास बस रही यमुना सिटी में छोटे भूखंडों पर घरों का निर्माण तेजी से हो रहा है, लेकिन बड़े और आलीशान बंगले के सपने अब भी अधूरे हैं। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) द्वारा सेक्टर-18 और 20 में आबंटित करीब 25 हजार भूखंडों में से अधिकांश छोटे क्षेत्रफल (60 से 300 वर्गमीटर) वाले भूखंडों पर ही निर्माण होता दिख रहा है।

आंकड़ों के अनुसार, यीडा ने अब तक कुल 1,731 नक्शे स्वीकृत किए हैं, जिनमें 1,448 (यानी लगभग 83 फीसद) केवल 300 वर्गमीटर या उससे छोटे भूखंडों के हैं। वहीं 1,000 से 4,000 वर्गमीटर वाले बड़े भूखंडों में से महज 283 ही नक्शा पास कराने सामने आए हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, बड़े भूखंडों पर निर्माण की लागत अधिक होती है और अभी तक क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति पूरी तरह विकसित नहीं हुई है। इसी कारण मध्यम वर्ग के लोग छोटे भूखंड लेकर घर बना रहे हैं, जबकि बड़े भूखंड वाले अभी इंतजार की मुद्रा में हैं। इसी अनुपात में पूर्णता प्रमाण पत्र भी जारी किए गए हैं।

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तीन सौ वर्गमीटर तक के 1,093 आबंटियों को जहां यह प्रमाण पत्र मिल चुका है। वहीं एक हजार वर्गमीटर तक के केवल 97 और चार हजार वर्गमीटर वाले भूखंडों में महज तीन को ही यह प्रमाण पत्र मिला है। दो हजार वर्गमीटर वाले किसी भी भूखंड को अभी तक मंजूरी नहीं मिल पाई है।

हालांकि त्योहारी मौसम इस बार नोएडा और आसपास के क्षेत्रों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। बाजार में रौनक तो दिख ही रही है, लेकिन उससे भी ज्यादा उत्साह घर और गाड़ी खरीदने को लेकर नजर आ रहा है। 22 सितंबर से 22 अक्तूबर तक यानी नवरात्र से लेकर गोवर्धन पूजा तक एक महीने के भीतर ही गौतमबुद्धनगर में 15 हजार मकानों की बिक्री दर्ज की गई है। वहीं, इस दौरान 17 हजार से अधिक वाहनों की बिक्री भी हुई है, जो पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा है।

2024 की इसी अवधि की बात करें तो उस समय लगभग 13 हजार घरों की रजिस्ट्री हुई थी, जबकि 10 हजार वाहन बिके थे। इसका मतलब है कि इस बार दोनों ही क्षेत्रों में तेजी दर्ज की गई है। जानकारों के अनुसार, इस बार रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी की एक बड़ी वजह यह भी रही कि कई पुरानी निर्माणाधीन परियोजनाएं पूरी हो गई, जिसकी वजह से इस बार रजिस्ट्रियां अधिक हुई हैं।