भारतीय-अमेरिकी अभिजीत बनर्जी को साल 2019 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिए जाने पर कोलकाता स्थित उनके बचपन के स्कूल साउथ प्वाइंट में जश्न का माहौल है। बनर्जी को उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और अमेरिका के अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। सोमवार को तीनों को वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन क्षेत्र में किए गए शोध कार्यों के लिए नोबेल देने की घोषणा की। अभिजीत और उनके छोटे भाई अनिरुद्ध भास्कर ने कोलकाता के साउथ पॉइंट स्कूल से अपनी बोर्ड परीक्षा दी थी। खास बात है कि स्कूली दिनों में खराब लिखावट के चलते अभिजीत अपने टीचर के निशाने पर भी रहे।
70 के दशक की शुरुआत में अभिजीत की गणित की शिक्षक रहीं दिपाली सेनगुप्ता ने सालों पुरानी बात को ताजा करते हुए कहा, ‘वह एक शांत लड़का था, जो बहुत पतला था और मोटे लेंस वाला चश्मा पहनता था। वह पढ़ाई में बहुत अच्छा था।’ सेनागुप्ता कहती है कि हालांकि अभिजीत की खराब लिखावट के चलते उनके अभिभावक को बुलाना पड़ा। वह कहती हैं, ‘एक होनहार छात्र के चलते उनकी लिखावट बहुत खराब थी। मैंने महसूस किया कि इससे परीक्षा में प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।’ रिटायर्ड टीचर कहती हैं कि तब अभिजीत की मां उनसे मिलने आई थी। एक अंग्रेजी अखबार ने हाई स्कूल में अभिजीत विनायक बनर्जी के साथ पढ़ने वाली शर्मिला डे सरकार के हवाले से बताया, ‘हम 1976 में क्लास में एक साथ थे।’
द टेलीग्राफ अखबार ने साल 1969 में तब कक्षा चौथी डी में रहे अभिजीत की छात्रों के साथ एक तस्वीर भी शेयर की है। अखबार स्कूल में अभिजीत को भूगोल पढ़ाने वाली स्तुति रे के हवाले से लिखता है, ‘वो एक होनहार छात्र था। वह बहुत शांत था। आज भी टीवी पर उसे यह कहते सुना कि उसकी किताब को हर कोई समझ सकता है।’ अभिजीत दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर चुके हैं।