1 जनवरी 2016 यानि आज से सांसदों को संसद की कैंटीन में खाने के लिए तीन गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। खबर है कि कैंटीन में खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पार्लियामेंट की कैंटीन में मिलने वाले खाने के रेट में बदलाव करने को मंजूरी दी है। अब समय-समय पर कीमतों को बदला जाएगा। पार्लियामेंट की कैंटीन को करीब 16 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा रही थी, जो अब खत्म हो जाएगी।
अब कैंटीन ‘नो प्रॉफ़िट, नो लॉस’ पर चलेगी। नए बदलाव के बाद 61 रुपये वाली थाली अब 90 रुपये में मिलेगी जबकि 29 रुपये में मिलने वाली चिकन करी अब 40 रुपये में मिलेगी। कीमतों में यह बढ़ोतरी सांसदों, लोकसभा और राज्यसभा के अधिकारी, मीडियाकर्मियों, सुरक्षा स्टाफ और साथ ही मेहमानों के लिए भी लागू होगी। हालांकि, रोटी और चाय जैसी कुछ चीजों की कीमतों में बदलाव नहीं दिखेगा। इसके अलावा व्यंजनों की संख्या भी घटा दी गई है। जहां पहले 125 से 130 व्यंजन रोज पकाए जाते थे अब प्रतिदिन 25 व्यंजन कर दिए गए हैं। फिलहाल कई तरह की रोटी, पुलाव, सादा चावल, खिचड़ी, दही चावल और बिरयानी बनाए जाते हैं।
लोकसभा सचिवालय ने कहा कि कीमतों में बदलाव छह साल बाद हो रहा है और समय समय पर कीमतों की समीक्षा की जाएगी। खुले बाजार में बेहिसाब मूल्यवृद्धि के बावजूद संसद कैंटीन में सब्सिडी के साथ परोसी जाने वाली भोजन सामग्रियों को लेकर समय समय पर विवाद होता रहा है जिसे देखते हुए कीमतों में वृद्धि करने का फैसला लिया गया।
लोकसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा, ‘संसद की कैंटीन में भोजन सामग्रियों की कीमतें समय समय पर मीडिया में चर्चा का विषय रही है। इसे देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद की खाद्य समिति को इस पर ध्यान देने के लिए कहा था।’
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