बिहार की तरह यूपी में भी अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए जद(यू) ने कमर कस ली है। पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने दावा किया है कि यूपी में भी भाजपा के खिलाफ ‘महागठबंधन’ बना कर चुनाव लड़ा जाएगा। उधर, उनके नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2 फरवरी को यूपी में पहली सभा को संबोधित करने वाले हैं। नीतीश इसकी शुरुआत मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से करना चाहते थे, लेकिन यह संभव नहीं हुआ तो उन्होंने पास के गाजीपुर को चुना है।
2 फरवरी को नीतीश गाजीपुर में लतिया महोत्सव में शामिल होंगे और पिछड़ी जाति के लोगों को संबोधित करेंगे। आयोजकों को उम्मीद है कि यहां कम से कम 50 हजार लोग जुटेंगे। यह महोत्सव एक सामाजिक संस्था सम्राट अशोक क्लब द्वारा हर साल मनाया जाता है। महोत्सव बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा की जयंती के मौके पर आयोजित किया जाता है।नीतीश का कार्यक्रम वाराणसी में पाटीदारों के सम्मेलन को संबोधित करने का था। लेकिन पाटीदारों के नेता हार्दिक पटेल के जेल में होने के चलते यह कार्यक्रम नहीं हो सका है। इसलिए उन्होंने गाजीपुर के जमनिया विधानसभा क्षेत्र में पहला भाषण देने का फैसला किया। इस कार्यक्रम की सफलता के आधार पर यूपी के लिए जेडीयू आगे का प्लान तय करेगी।
बाबू जगदेव शोषित समाज दल (एसएसडी) के महासचिव भी थे। इसकी स्थापना उन्होंने यूपी के पूर्व वित्त मंत्री रामस्वरूप वर्मा के साथ मिल कर की थी। वर्मा एसएसडी के अध्यक्ष थे। दोनों ने मिल कर यूपी और बिहार में किसानों व पिछड़ों के लिए आंदोलन चलाया था। इस नाते यूपी में बाबू जगदेव के समर्थक अच्छी संख्या में बताए जाते हैं। बाबू जगदेव के साथ काम कर चुके अखिलेश कटियार का कहना है कि भीमराव अंबेडकर के समर्थक और बौद्ध धर्म मानने वाले लोगों की बड़ी तादाद है जो बीएसपी से असंतुष्ट हैं। इसलिए नीतीश को सुनने आने वालों की संख्या काफी रहने की उम्मीद है। कटियार आज कल हार्दिक पटेल के संगठन से जुड़े हैं। उन्होंने हाल में वाराणसी में पाटीदारों का एक कार्यक्रम भी आयोजित किया था। इसमें जेडीयू की ओर से केसी त्यागी शामिल हुए थे।