जेडीयू विधायक गोपाल मंडल अकसर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। अब उन्होंने अपनी ही सरकार को घेरते हुए कह दिया कि बिहार में कोई भी थानेदार बिना शराब पिए काम नहीं करता। यह बिहार के लिए और भी ज्यादा गंभीर बयान इसलिए है क्योंकि नीतीश सरकार ने यहां शराब बंदी घोषित कर रखी है। उन्होंने कहा, मैं दावे के साथ कहता हूं कि राज्य में हर पुलिसवाला दारू पीता है। बगैर दारू पिए पुलिस कोई काम नहीं करती।

दरअसल गोपाल मंडल पुलिस हिरासत में मरने वाले सिंचाई विभाग के लिपिक संजय यादव के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संजय की मौत पुलिसवालों की ज्यादती की वजह से हो गई। मंडल ने कहा, ‘संजय अच्छे इंसान थे। पुलिसवाले शराब के नशे में थे और उन्हें मारते हुए थाने ले गए। उनके गले में गमछा लपेटकर घसीटा गया और इससे दम घुट गया। थाने में मारा-पीटा होगा। जूते से प्राइवेट पार्ट पर भी प्रहार किया होगा।’ मंडल ने कहा कि उन्होंने पहले अनायास ही बयान दे दिया था और उन्हें सच की जानकारी नहीं थी।

इससे पहले 30 मार्च को उन्होंने कहा था कि संजय यादव दारू पीता था। शराब पीने की रिपोर्ट पर पुलिस पहुंची और उसे थाने ले गई। वह पुलिस के साथ हाथापाई करने लगा और इसी में उसे चोट आ गई जिससे मौत हो गई होगी। गोपाल मंडल ने अपने इस बयान से पलटी मार ली।

मंडल ने यह भी कहा कि पुलिस और डॉक्टरों ने मिलकर झूठी पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट तैयार की है। उन्होंने राज्य सरकार से मामले की जांच करवाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि सूबे में कोई ऐसा पुलिस अधिकारी नहीं है जो शराब न पीता हो। हर थानेदार दारू पीता है। इससे राज्य सरकार की बदनामी होती है। उन्होंने मृतक के परिवार को 20 लाख का मुआवजा देने की भी अपील की। मंडल ने यह भी आरोप लगाया कि संजय की मौत के बाद पुलिस ने उसकी बेटी से भी मारपीट की।

बता दें कि गोपाल मंडल हाल में कई बार विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने बांका में 20 एकड़ की जमीन के मामले में कहा था कि हम रिवॉल्वर रखते हैं और जरूरत पड़ती है तो ठोंक देते हैं।