बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने अगले साल से हर 14 अप्रैल को मौर्य सम्राट अशोक की जयंती बतौर पब्लिक हॉलीडे मनाने का फैसला किया है। इतिहासकार जहां इस महान राजा के जन्म के साल को लेकर भी एकमत नहीं हैं, वहीं, नीतीश कुमार ने उनकी जन्मतिथि भी तय कर दी है। सीएम नीतीश कुमार के सीधे नियंत्रण में आने वाले जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की ओर से ऐसा करने का प्रस्ताव भेजा गया है। बिहार कैबिनेट ने मंगलवार को 14 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश के लिस्ट में शामिल करने की मंजूरी दे दी। कैबिनेट प्रिंसिपल सेक्रेटरी ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा, ”हमने जनरल एडमिशन डिपार्टमेंट की ओर से मिले प्रस्ताव के आधार पर काम किया है।” सूत्रों के मुताबिक, डिपार्टमेंट ने कुछ ऐतिहासिक संदर्भों का हवाला दिया और 14 अप्रैल की तारीख तय कर दी। बता दें कि इतिहास की कोई भी किताब अशोक की बिलकुल सही जन्मतिथि के बारे में नहीं बताता। बहुत सारी किताबों में यह जिक्र है कि उनका जन्म 304 ईसा पूर्व और मृत्यु 232 ईसा पूर्व हुई। अशोक ने 273 ईपू से लेकर 232 ईपू तक शासन किया।
इतिहास सम्राट अशोक की जन्मतिथि को लेकर एकराय नहीं हैं। मशहूर इतिहासकार रोमिला थापर ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ”अगर किसी के पास अशोक की जन्मतिथि के सबूत हैं तो उसे सामने रखना चाहिए। मेरे पास कोई सबूत नहीं है। मुझे नहीं पता कि बिहार सरकार इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंची कि अशोक का जन्म 14 अप्रैल को हुआ था। जब तक सबूत न हों, इतिहासिक तथ्यों को लेकर कोई भी दावा नहीं किया जा सकता।”
पूर्व आईपीएस अफसर, बिहार रिलीजियस ट्रस्ट कांउसिल के प्रमुख और इतिहास से जुड़ी कई किताबें लिख चुके किशोर कुनाल ने कहा, ”सरकार ने 14 अप्रैल की तारीख क्यों तय की, मैं भी यह जानने के लिए उत्सुक हूं। मैं उन स्रोतों के बारे में जानना चाहता हूं, जिसके आधार पर बिहार सरकार ने यह फैसला लिया। मैंने अपनी किताब इतिहास के दर्पण में दलित को लिखते हुए मौर्य साम्राज्य से जुड़े सभी अहम स्रोतों का जिक्र किया है, लेकिन मुझे अशोक के जन्म की सही सही तिथि के बारे में कोई जानकारी नहीं है।” कुनाल का कहना है कि जहां बौद्ध साहित्य में मौर्य वंश के लोगों को क्षत्रिय बताया जाता है, वहीं संस्कृत और सनातनी साहित्य में उनके छोटे जाति से होने की ओर संकेत दिया जाता है।
राज्य सरकार के अधिकारी इस ऐतिहासिक तारीख का स्रोत बताने से बचते नजर आ रहे हैं। बता दें कि बीते कुछ वक्त में अशोक के नाम पर काफी राजनीति होती रही है। पटना में बीजेपी ने एक कार्यक्रम करके अशोक को सम्मानित किया था। चुनाव से पहले एनडीए सरकार ने अशोक के नाम पर डाक टिकट जारी किया था। वहीं, आरएलएसपी नेता और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया था कि सम्राट अशोक कुशवाहा थे।