Nitin Gadkari News: ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि सरकार सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या घटाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है लेकिन बावजूद इसके यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि लोग न तो कानून का सम्मान करते और न ही उन्हें कानून को भय है। प्रश्न काल के दौरान एक सवाल के जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि वह खुद सड़क हादसे का शिकार हो चुके हैं और इन मामलों को लेकर संवेदनशील हैं।

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क हादसों को कम करने में चार फैक्टर मददगार साबित हो सकते हैं। ये चार फैक्टर – रोड इंजीनियरिंग, ऑटो मोबाइल इंजीनियरिंग, कानून का पालन और लोगों की शिक्षा है।

उन्होंने आगे कहा, “समाज की सबसे बड़ी प्रॉब्लम ये है कि वे न तो कानून का सम्मान करते हैं और न ही उन्हें कानून का भय है। लोग रेड सिग्नल पर नहीं रुक रहे हैं, हेल्मेट नहीं पहन रहे हैं… तीस हजार लोग सिर्फ इस लिए मर गए क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं लगा रखा था। मैं खुद भी पीड़ित रहा हूं, एक हादसे में मेरी टांग चार जगहों से टूट गई थी। तब मैं महाराष्ट्र में विपक्ष का नेता था और मैं लगातार इसके लिए संवेदनशील हूं।”

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‘मुझे यह मानने में कोई संकोच नहीं…’

नितिन गडकरी ने आगे कहा, “मुझे यह मानने में कोई संकोच नहीं है लेकिन लेकिन दुख की बात है कि काफी प्रयासों के बावजूद इस साल सड़क हादसों में 1.68 लाख मौतें हुई हैं। इनमें से बड़ी संख्या में मौतें इसलिए हुई हैं क्योंकि सड़कों पर नियमों का सख्ती से पालन नहीं किया गया है…जन-प्रतिनिधियों, मीडिया या समाज के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है। हमने फाइन भी बढ़ा दिया है लेकिन फिर भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि बुधवार को एक कार ने उनके सामने ही ट्रैफिक सिग्नल तोड़ा। केंद्रीय मंत्री ने स्पीकर से निवेदन किया कि वे इस मुद्दे पर एक अलग से चर्चा रखें। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। नितिन गडकरी ने कहा कि समस्या यह भी है कि कुछ ब्लैक स्पॉट हैं और सरकार ने ब्लैक स्पॉट पर 40,000 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला लिया है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में पहचानी गई गलतियों के अनुसार, ब्लैक स्पॉट मौजूद हैं और हम इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।