केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले पर ऐसी टिप्पणी की कि हर तरफ चर्चा होने लगी। दरअसल नितिन गडकरी ने रामदास अठावले को लेकर कहा,”हमारे (बीजेपी) चौथी बार सरकार बनाने की गारंटी नहीं है। लेकिन अगर कोई सरकार आती है तो रामदास अठावले का फिर से मंत्री बनना तय है। सरकार में कोई भी हो, रामदास अठावले का मंत्री बनना तय है। उनकी इस टिप्पणी से सभागार में ज़ोर के ठहाके लगे। जिस वक़्त गडकरी ने यह टिप्पणी की रामदास अठावले भी मंच पर मौजूद थे।

रामदास अठावले को लेकर यह टिप्पणी की जाती रही है कि वह भारतीय राजनीति के मौसम वैज्ञानिक हैं। यानी वह चुनाव से पहले यह भांप लेते हैं कि किस पार्टी को कितना फायदा और कितना नुकसान होने वाला है। हालांकि यह टिप्पणी मज़ाकिया अंदाज़ में की जाती रही है। रामदास अठावले फिलहाल एनडीए का हिस्सा हैं और केंद्र में मंत्री हैं। उनकी पार्टी की महाराष्ट्र की राजनीति पर काफी पकड़ है। इस बार भी वह गठबंधन के तहत 12 सीटें गठबंधन के तहत मिलने की उम्मीद जता रहे हैं ।

अजित पवार से क्यों हुए नाराज़?

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने दावा किया है कि अजित पवार की अगुआई वाली एनसीपी को महायुति सरकार में शामिल किए जाने के कारण उनकी पार्टी आरपीआई (ए) को वादे के बावजूद राज्य में कोई मंत्री पद नहीं मिला, हालांकि रामदास अठावले ने कहा कि उन्हें यकीन है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता मौजूद गठबंधन (महायुति) 150 से 160 सीटें हासिल करेगा।

रामदास अठावले ने कहा, “अजित पवार के महायुति सरकार में शामिल होने के बाद आरपीआई (ए) को महाराष्ट्र कैबिनेट में कोई मंत्री पद नहीं मिला। हमारी पार्टी को कैबिनेट में पद, दो निगमों की अध्यक्षता और जिला स्तरीय समितियों में भूमिका देने का वादा किया गया था। लेकिन पवार के शामिल होने के कारण यह सब नहीं हो सका।”