केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार (5 सितंबर, 2022) को इकॉनोमी कारों के निर्माताओं से सवाल किया कि निर्यात किए जाने वाली कारों में 6, तो लोकल लोगों के लिए सिर्फ 4 एयरबैग क्यों लगाए जाते हैं। उन्होंने कंपनियों से सवाल किया, “कंपनियां जब कारों का निर्यात करती हैं, तो 6 एयरबैग डालती है, लेकिन जब वही कारें स्थानीय लोगों के लिए बनाई जाती हैं, तो सिर्फ 4 एयरबैग डालते हैं। क्या गरीबों की जान बचाने के लायक नहीं है?”
सोमवार को उन्होंने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि इकोनॉमी कारों के निर्माताओं की तरफ से तर्क दिया गया कि एयरबैग की संख्या बढ़ाने से कारों की लागत पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कंपनियों का यह तर्क गुमराह करने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि किसी कार में एक एयरबैग बढ़ाने की लागत 900 रुपये तक आ सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि वाहनों में अनिवार्य रूप से 6 एयरबैग लगाने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। उनका यह बयान उस दुर्घटना के बाद आया है, जिसमें टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद-मुंबई हाईवे पर यातायात बहुत ज्यादा होता है और यह राजमार्ग बहुत खतरनाक है।
गडकरी ने बताया कि जिस हाईवे पर साइरस मिस्त्री का एक्सीडेंट हुआ था, उस हाईवे को उन्होंने महाराष्ट्र में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री रहते हुए बनवाया था। सड़क दुर्घटनाओं पर बात करते हुए गडकरी ने कहा कि दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क होने के बावजूद भारत में अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा, “हर साल भारत में 5 लाख रोड एक्सीडेंट होते हैं और सड़क दुर्घटनाओं में 1,50,000 मौतें होती हैं। इनमें से 65 प्रतिशत मौतें 18-34 आयु वर्ग के लोगों की होती हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह इस पर काम करना चाहते हैं कि देश में 2024 तक एक्सीडेंट की संख्या आधी हो जाए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और सड़क सुरक्षा की अंतरराष्ट्रीय प्रणालियों का पालन करने में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “जिंदगी बचाना महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि अधिकारी सड़कों पर यातायात को कम करने के लिए नए तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं।