बड़े नोटों को बंद करने के सरकार के एलान पर मुखर विपक्ष के सामने सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने अब वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण को जवाब देने के लिए आगे किया है। इस मुद्दे पर अब प्रधानमंत्री तो कुछ बोल ही नहीं रहे हैं, वित्त मंत्री अरुण जेटली का भी कोई बयान नहीं आया है। विपक्ष पर निर्मला सीतारमण ने तीखा हमला बोला और कहा कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां देश में भय का माहौल तैयार करने में जुटी हैं। निर्मला सीतारमण ने शनिवार को विपक्ष के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि बड़े पुराने नोटों का चलन बंद करने से आम आदमी पर बहुत बुरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि समस्याओं का सामना करने के बावजूद लोग प्रधानमंत्री द्वारा कालेधन को निशाना बनाने का समर्थन कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर विपक्ष का दावा है कि स्थिति सामान्य होने में सात से आठ महीने का समय लगेगा, वाणिज्य मंत्री ने संवाददाताओंं से कहा, ‘कांग्रेस आम लोगों के मन में भय का माहौल पैदा करने का प्रयास कर रही है। इसकी जरूरत नहीं है। कांग्रेस पार्टी राजनीतिक लाभ के लिए भयादोहन कर रही है।’
उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि नोटबंदी का कदम उठाने के बाद सरकार में अफरा-तफरी की स्थिति है। इस कारण सटीक दिशानिर्देश नहीं जारी किए जा रहे हैं। लोगों की समस्याएं कम करने के लिए बार-बार नए उपायों की घोषणा करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पांच सौ और एक हजार रुपए के नोटों का चलन बंद करने के निर्णय की घोषणा से पहले हर संभव तैयारी कर ली थी। उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी जन विरोधी कदम नहीं उठा सकती। ऐसे कदम उठा कर आखिर वह जनता से वोट मांगने कैसे जा सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने माना कि उच्च मूल्य के नोटों के चलन बंद करने के बाद कम मूल्य की करंसी की कमी के कारण लोगों को कुछ समस्याएं हो रही हैं, लेकिन वे समर्थन कर रहे हैं। क्योंकि यह कालाधन के खिलाफ है। उन्होंने दावा किया कि बुधवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस को यह समझ में आ गया है कि उच्च मूल्य के नोटों के चलन बंद करने के मुद्दे पर उसके पास तथ्यों की कमी है। इसलिए वह प्रधानमंत्री के मौजूद रहने की मांग करते हुए सदन में कामकाज बाधित कर रही है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली प्रतिदिन स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और प्राप्त सूचना के आधार पर निर्णय कर रहे हैं।
“सरकार को मीडिया के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए”: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी</strong>