आर्थिक सुस्ती को दूर करने और देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में पहल करते हुए सरकार ने 102 लाख करोड़ रुपए की ढांचागत परियोजनाओं की पहचान की है। जिनपर अगले पांच साल के दौरान अमल किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं में 100 लाख करोड़ रुपए निवेश करने के बारे में कहा था।
उन्होंने कहा कि इसके बाद चार माह की अल्पावधि ही एक कार्यबल ने 70 संबद्ध पक्षों से विचार विमर्श करने के बाद 102 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं की पहचान की है। वित्त मंत्री ने कहा कि इसमें तीन लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं और भी शामिल हो सकतीं हैं। सीतारमण ने बताया कि करीब 25 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं बिजली क्षेत्र में हैं। जबकि 20 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं सड़क निर्माण की हैं और करीब 14 लाख करोड़ रुपए की रेल परियोजनाएं हैं। जो कि कतार में हैं और जिनके क्रियान्वयन की तैयारी है।
उन्होंने बताया कि बिजली क्षेत्र की परियोजनाओं में अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा रेलवे, शहरी विकास, सिंचाई, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और डिजिटल क्षेत्र की परियाजनाएं शामिल हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय अवसंरचना परियोजना क्रियान्वयन प्रक्रिया के तहत आने वाली ज्यादातर ढांचागत परियोजनाएं इन क्षेत्रों से ही होंगी।
इन परियोजनाओं में 39 फीसद केंद्र सरकार और 39 फीसद राज्य सरकारों के हिस्से की होंगी। जबकि 22 फीसद निवेश निजी क्षेत्र से किया जाएगा। इससे पहले उन्होंने कहा कि पिछले छह साल के दौरान विभिन्न परियोजनाओं में 51 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए। इन परियोजनाओं पर अमल होने से देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।
निर्मला सीतारमण ने बताया कि ढांचागत क्षेत्र की जिन 102.5 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं की घोषणा की गई है इनमें एक चौथाई परियोजनाएं अकले ऊर्जा क्षेत्र की हैं। इसके बाद सड़क और रेलवे क्षेत्र की परियोजनाएं हैं जिनमें सबसे ज्यादा खर्च किया जाएगा। वित्त मंत्रालय द्वारा इन परियोजनाओं के बारे में उपलब्ध कराए गए ब्योरे के मुताबिक अकेले ऊर्जा क्षेत्र में ही 24.54 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा। इसमें 11.7 लाख करोड़ रुपए केवल बिजली क्षेत्र में निवेश होगा। सड़क परियोजनाओं में 19.63 लाख करोड़ रुपए जबकि रेलवे परियोजनाओं में 13.68 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
बंदरगाह क्षेत्र में एक लाख करोड़ रुपए और हवाईअड्डों में 1.43 लाख करोड़ रुपए निवेश होने का अनुमान है। इसके अलावा 16.29 लाख करोड़ रुपए का खर्च शहरी ढांचागत सुविधाओं में और 3.2 लाख करोड़ रुपए दूरसंचार परियोजनाओं में खर्च होने का अनुमान है। वित्त मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर 102 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं की इस पाइपलाइन में 42.7 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं पहले से ही क्रियान्वयन में हैं जबकि 32.7 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं परिकल्पना के स्तर पर और शेष परियोजनाएं विकास के क्रम में हैं। ऐसा माना गया है कि भारत को अपनी आर्थिक वृद्धि दर को बनाए रखने के लिए 2030 तक 4,500 अरब डॉलर का निवेश करना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय अवसंरचना परियोजना शृंखला का मकसद इसी लक्ष्य को हासिल करने के प्रयासस्वरूप उठाया गया कदम है। इससे रोजगार सृजन होगा, जीवन सुगमता बढ़ेगी और सभी के लिए ढांचागत सुविधाओं तक पहुंच बेहतर होगी। यह आर्थिक वृद्धि को समावेशी बनाने की दिशा में बेहतर पहल होगी।

