कांग्रेस नेता नारायण राणे के बेटे नीलेश राणे ने धर्मांतरण को लेकर चल रहे विवाद को आगे बढ़ाने की कोशिश की है। नीलेश राणे ने ट्विटर पर कहा कि अगर सिडनी जैसी घटनाओं को रोकना है तो भारत में ज्यादा-से-ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कर उन्हें हिंदू बनाया जाना चाहिए। राणे ने इसे अपना निजी विचार कहा है।
राणे ने ट्विटर पर आग उगलते हुए कहा कि सिडनी में जो घटना हुई वह दुनिया भर में हो रही है। गौरतलब है कि पिछले दिनों सिडनी के एक कैफे में बैठे लोगों को एक व्यक्ति ने बंदूक के बल पर बंधक बना लिया था। राणे के मुताबिक बार-बार घटनेवाली ऐसी घटनाओं से बचने के लिए जरूरी है कि भारत ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को हिंदू धर्म में शामिल करे। नीलेश उत्तर प्रदेश में हुए धर्मांतरण से सहमत हैं और उसका समर्थन भी करते हैं। उनका कहना है कि बंदूक के बल पर होनेवाले धर्मांतरण के बजाए उत्तर प्रदेश में जिस तरह से धर्म परिवर्तन हुआ, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। लोगों को धर्म परिवर्तन कर हिंदू धर्म में प्रवेश दिया जाना चाहिए। लेकिन यह काम हथियारों के जोर पर न हो। नीलेश ने कहा कि ये उनके निजी विचार हैं और इनका उनकी पार्टी (कांग्रेस) से कोई लेना देना नहीं है।
इसी साल संपन्न हुए लोक सभा चुनाव में हार का सामना करनेवाले नीलेश मानते हैं कि जिस तरह से आतंकवाद का सामना हिंदू धर्म कर सकता है, वैसा दुनिया का कोई और धर्म नहीं कर सकता। राणे ने कहा कि वे खुद हिंदू हैं और हिंदू धर्म की भलाई के लिए ऐसा कह रहे हैं। राणे ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सुना कि एक हिंदू व्यक्ति ने किसी पर आक्रमण किया हो।
नीलेश की ही तरह उनके भाई और विधायक नीतेश राणे ने भी महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव के दौरान गुजरातियों के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी की। मराठी वोट बैंक का ध्यान रखते हुए नीतेश का कहना था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत मुंबई शहर से सभी गुजरातियों की सफाई करके करना चाहते हैं। मुंबई स्वाभिमान संगठन के प्रमुख नीतेश राणे ने चुनाव के दौरान गुजरातियों को मुंबई छोड़ने के लिए कहकर विवाद पैदा किया था।