23-24 अक्टूबर (मंगलवार-बुधवार) की मध्यरात्रि में सीबीआई दफ्तर तब विचित्र घटनाक्रमों का गवाह बना, जब देश की इस शीर्ष जांच एजेंसी के दो शीर्षस्थ अधिकारी (सीबीआई डायरेक्टर और स्पेशल डायरेक्टर) के बीच जंग तेज हो गई। रात करीब 12.45 बजे घटनाक्रम की शुरुआत हुई, जब देश की राजधानी नई दिल्ली में लोदी रोड पर स्थित सीबीआई बिल्डिंग को चारों तरफ से पुलिसकर्मियों ने घेर लिया। सूत्रों के मुताबिक, रात एक बजे के करीब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे और नियुक्ति से जुड़े कामकाज देखने वाले अधिकारी को अविलंब वहां बुलवाया। अधिकारी से डोभाल ने सीबीआई चीफ आलोक अग्रवाल और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को जबरन छुट्टी पर भेजने का आदेश निकालने को कहा। अधिकारी ने पीएम की अध्यक्षता वाली नियुक्ति संबंधी कैबिनेट कमेटी का एक आदेश निकाला जिसमें आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को जबरन छुट्टी पर भेजने और एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त करने का जिक्र था।
एक घंटे बाद रात में करीब 1.45 बजे नागेश्वर राव को एस्कॉर्ट करती हुई पुलिस गाड़ी सीबीआई बिल्डिंग के पास आकर रुकी। उन्हें पदभार लेने के लिए बुलाया गया था। देर रात प्रमोशन पाकर पदभार संभालने वाले नागेश्वर राव ने सबसे पहले आलोक वर्मा के दफ्तर को सील कराया और फिर वहां से चले गए। पुलिस की गाड़ी उन्हें एस्कॉर्ट कर ले गई। इस बीच सीबीआई दफ्तर में अपने रूम में नागेश्वर राव ने आलोक वर्मा और उनकी टीम के अधिकारियों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया। इनमें एके सर्मा और मनीष सिन्हा का नाम शामिल है। इसके बाद ऑफिशियल मैसेंजर के जरिए आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को जबरन छुट्टी पर भेजने संबंधी सरकारी आदेश की सूचना भेजी गई।
बुधवार (24 अक्टूबर) की सुबह जब दोनों अधिकारी सीबीआई दफ्तर पहुंचे तो उन्हें सीबीआई ऑफिस घुसने से रोक दिया गया और उन दोनों के ड्राइवरों को वापस बुला लिया गया। सूत्रों के मुताबिक आलोक वर्मा और उनके सहयोगियों के दफ्तर की तलाशी भी ली गई है। सुबह में सीबीआई के अन्य कर्मचारी जब काम करने दफ्तर पहुंचे तो उन्हें वापस घर भेज दिया गया और दोपहर में आने को कहा गया। एनडीटीवी सूत्रों के मुताबिक दोपहर तक सीबीआई दफ्तर में आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के दफ्तरों में कोई हलचल नहीं देखी गई। न तो वहां कोई गया और न ही वहां से कोई फाइल लाई ले जाई गई। बता दें कि दोनों अधिकारियों के बीच जंग छिड़ने के बाद पीएमओ ने सीवीसी के वी चौधरी से रिपोर्ट मांगी थी। सीवीसी ने मंगलवार को पीएम मोदी को सिफारिश सौंपी थी कि आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना समेत कई अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाय।
