राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को आज दिल्ली की एक अदालत से लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद नावेद याकूब का लाई डिटेक्टर (झूठ पकड़ने वाला) परीक्षण करने की इजाजत मिल गयी। नावेद इसी महीने जम्मू कश्मीर के उधमपुर में बीएसएफ की एक बस पर हमला करने के बाद ग्रामीणों के हाथों पकड़ा गया था।
नावेद को यहां एक अदालत में पेश किया गया। एनआईए को अदालत से उसका डीएनए और स्वर के नमूने लेने की भी अनुमति मिल गयी।
इस लश्कर आतंकवादी का कल यहां सीजीओ परिसर में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में ग्यारह बजे परीक्षण किया जाएगा। उसके जांचकर्ताओं का कहना है कि वह कई बार झूठ बोल रहा है। वह 24 अगस्त तक एनआईए की हिरासत में रहेगा।
बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान जिला न्यायाधीश अमरनाथ ने नावेद के राजी होने पर उसके पोलीग्राफी परीक्षण के एनआईए के अनुरोध को मान लिया। नावेद ने उर्दू में लिखकर इस परीक्षण के लिए अपनी सहमति दी। वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है।
बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान जिला न्यायाधीश अमरनाथ ने नावेद के राजी होने पर उसके पोलीग्राफी परीक्षण के एनआईए के अनुरोध को मान लिया। नावेद ने उर्दू में लिखकर इस परीक्षण के लिए अपनी सहमति दी। वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखकर मेरा यह सुविचारित मत है कि इस मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों के हिसाब से आरोपी का पोलीग्राफ परीक्षण आवश्यक है । इन तथ्यों एवं परिस्थितियों का आवेदन में पूरी तरह उल्लेख किया गया है। ’’
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘तद्नुसार, मैं एनआईए को पोलीग्राफ परीक्षण के लिए आरोपी को 18 अगस्त को ग्यारह बजे नयी दिल्ली के लोधीरोड पर सीजीओ पसिर स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला ले जाने की अनुमति देते हुए इस वर्तमान आवेदन को मंजूर करता हूं। ’’
जांच से जुड़े एक वरिष्ठ एनआईए अधिकारी ने कहा कि उसके कश्मीर घाटी में घुसने के मार्ग और घाटी में कुछ लोगों के साथ उसके संबंध के बारे में कई ‘‘खामियां’’ हैं और आशा है कि लाई डिटेक्टर परीक्षण से सच्चाई सामने लाने में मदद मिलेगीं
नावेद ने बीएसएफ कर्मियों पर हमला के बाद दो ग्रामीणों को बंधक बना लिया था। इन्हीं दोनों ग्रामीणों ने उल्टे उसे ही पकड़ लिया। नावेद का साथी मोहम्मद नोमान उर्फ मोमिन मुठभेड़ में बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में मारा गया था।
नावेद ने बीएसएफ कर्मियों पर हमला के बाद दो ग्रामीणों को बंधक बना लिया था। इन्हीं दोनों ग्रामीणों ने उल्टे उसे ही पकड़ लिया। नावेद का साथी मोहम्मद नोमान उर्फ मोमिन मुठभेड़ में बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में मारा गया था।
सूत्रों ने बताया कि यदि पाकिस्तान अधिकारी नावेद की पहचान को लेकर संदेह प्रकट करते हैं तो ऐसी स्थिति के लिए उसका डीएनए नमूना लिया जा रहा है। उसे वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए पिछले सप्ताह जम्मू से यहां लाया गया था।
जम्मू के दो दिन के दौरे से लौटे एनआईए प्रमुख शरद कुमार ने कहा था कि एजेंसी के पास उसकी पाकिस्तानी नागरिकता और लश्कर से उसके संबंध होने के सबूत हैं। लश्कर ने हथियार चलाने तथा संगठन के विस्तार के लिए रंगरूट की भर्ती करने का प्रशिक्षण दिया था।
नावेद ने कहा है कि कश्मीर में घुसपैठ करने से पहले उसने पाकिस्तान में इस साल मार्च में 25 अन्य लोगों के साथ लश्कर का छह सप्ताह का प्रशिक्षण (रिफ्रेशर कोर्स) लिया था। उससे पहले वह ‘दौरा ए आम’ और ‘दौरा ए खास’ नामक दो प्रशिक्षण से गुजरा था।