दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) को ऊधमपुर आतंकी हमले के बाद ग्रामीणों की गिरफ्त में आए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद नवेद याकूब का लाई डिटेक्टर टैस्ट (झूठ पकड़ने वाला परीक्षण) की अनुमति दे दी। जांच एजंसी को अदालत से नवेद का डीएनए और स्वर के नमूने लेने की भी अनुमति मिल गई।
वह 24 अगस्त तक एनआइए की हिरासत में रहेगा।
दिल्ली की एक अदालत ने एनआइए की याचिका स्वीकार करते हुए निर्देश दिया कि पाकिस्तानी आतंकवादी नवेद को जांच के लिए मंगलवार सुबह 11 बजे यहां सीजीओ कांप्लेक्स में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) ले जाया जाए। जिला न्यायाधीश अमरनाथ ने बंद कमरे में सुनवाई के दौरान याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए मेरा विचार है कि एनआइए के आवेदन में पूरी तरह विस्तार से बताए गए इस मामले के तथ्यों और हालात को देखते हुए आरोपी मोहम्मद नवेद का पॉलीग्राफ परीक्षण कराना जरूरी है।
इसलिए मैं मौजूदा आवेदन को स्वीकार करते हुए एनआइए को आरोपी को 18 अगस्त को नई दिल्ली के लोधी रोड स्थित सीजीओ कांप्लेक्स में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रायोगशाला में पॉलीग्राफ जांच के लिए ले जाने की अनुमति देता हूं। अदालत ने एनआइए की इस दलील को संज्ञान में लिया कि नवेद ने एक सादे कागज पर उर्दू भाषा में लिखकर लाई डिटेक्टर परीक्षण की मंजूरी दे दी है जो आवेदन के साथ नत्थी है। नवेद को कड़े सुरक्षा घेरे में चेहरा ढककर अदालत में लाया गया था।
एनआइए पूछताछ के लिए नवेद को 14 अगस्त को दिल्ली लेकर आई थी। अदालत में पेशी के दौरान जांच एजंसी ने ऊधमपुर में मुठभेड़ की तस्वीरें पेश कीं। इनसे अदालत को बताया गया कि किन हालात में नवेद को दबोचा गया। नवेद का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगते हुए एनआइए ने कहा था कि इस आतंकी हमले के पीछे की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए यह बहुत जरूरी है।
एजंसी ने कहा कि आगे जांच के लिए यह परीक्षण कराना जरूरी है। एनआइए के अनुसार सुरक्षा बंदोबस्तों को देखते हुए नवेद को पुलिस हिरासत में आगे की पूछताछ के लिए यहां एनआइए मुख्यालय में स्थानांतरित किया गया है। एजंसी ने कहा कि पूछताछ के दौरान कई मौकों पर नवेद के बयानों में विसंगतियां पाई गईं जिससे मामले में जांच आगे बढ़ने में अवरोध पैदा हुआ।