संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के बीच राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को नोटिस जारी किया है। कानपुर में सीएए प्रोटेस्ट में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाते हुए डीजीपी से 4 हफ्तों में जवाब मांगा है। यह नोटिस एक वायरल वीडियो के आधार पर जारी किया गया है जिसमें पुलिस प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करती नजर आ रही है।
वायरल वीडियो कानपुर के यातीम खान इलाके का है जिसमें प्रदर्शनकारी मुंह पर कपड़ा ढक कर जमकर विरोध कर रहे हैं। हालांकि इसके बाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेती है। आरोप है कि गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने अत्याचार किया है। एनएचआरसी इस पूरे मामले को मानवधिकार के उल्लंघन से जुड़े मामले के तौर पर देख रहा है।
नोटिस में डीजीपी से इंटरनेट सेवाओं को बाधित किए जाने और पुलिसकर्मियों के लोक व निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने और विरोध प्ररदर्शन में हिंसा के दौरान हुई मौतों के बारे में पूछा गया है। बता दें कि सीएए को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में यूपी में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में बीते दिनों कई हिंसक घटनाएं हुई हैं। कानून को लेकर राज्य में 10 दिसंबर के बाद से ही विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सीएए के खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए उन्माद फैलाने की कोशिश करने वालों पर अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने नजरें टेढ़ी कर ली है। यूपी पुलिस ने ऐसे 16,761 सोशल मीडिया पोस्ट को चिन्हित किया है जिनके जरिए नागरिकता कानून के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं।
इनमें ट्विटर पर 7513 पोस्ट , फेसबुक पर 976 पोस्ट और यूट्यूब पर किए गए 171 पोस्ट शामिल हैं। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कई पोस्ट्स को ब्लॉक करने या फिर उसे डिलीट करने का फैसला किया है। इसके अलावा अभी यूपी पुलिस सीएए और एनआरसी को लेकर किये गये ऐसे ही अन्य सोशल मीडिया पोस्ट्स को भी स्कैन कर रही है।