पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक दिन में 10 बच्चों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। मृत बच्चों में 9 नवजात शिशु थे। एक अन्य दो वर्ष का बच्चा था। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बच्चे पहले से ही कमजोर थे और सबडिविजन अस्पतालों से यहां लाए गए थे। इससे उनको बचाया नहीं जा सका। बच्चों की इस तरह मौतों से अस्पताल प्रशासन पर गंभीर रूप से लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है।
बच्चे दूसरे अस्पतालों से लाकर शिफ्ट किए गए थे
मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रोफेसर अमित दान ने बताया, “जंगीपुर सबडिविजन हॉस्पिटल में पीडब्ल्यूडी का काम चल रहा है। इसलिए वहां से मरीजों को यहां शिफ्ट किया गया। ऐसे में यहां मरीजों की संख्या बढ़ गई। जितने भी बच्चे यहां लाए गए, वे पहले से ही कम वजन के थे। अस्पताल में लाने में 5-6 घंटे लग गए। इस वजह से उन्हें बचाना मुश्किल था और उनकी मौत हो गई। हम इसकी जांच के लिए एक टीम का गठन कर रहे हैं।”
उधर, अमेठी जिले में फुरसतगंज थाना क्षेत्र के पूरे राजापुर गांव में शुक्रवार दोपहर 32 वर्षीय एक विवाहिता की कथित रूप से हत्या कर दी गई। पुलिस ने कहा कि हरिश्चंद्र ने किसी विवाद के कारण रिंकी यादव (32) पर लोहे की सरिया से हमला कर दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक रिंकी यादव और हरिश्चंद्र के बीच सह जीवन संबंध था और रिंकी ने हरिश्चंद्र की सारी संपत्ति अपने नाम करा ली थी। अपर पुलिस अधीक्षक हरेंद्र कुमार ने बताया कि आज दोपहर सूचना प्राप्त हुई कि फुरसतगंज थाना क्षेत्र के पूरे राजापुर गांव में 32 वर्षीय रिंकी यादव की उनके ही घर में रहने वाले हरिश्चंद्र नामक व्यक्ति ने लोहे की सरिया से वारकर हत्या कर दी।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया तथा रिंकी यादव के पति की तहरीर पर आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।