देशभर में लोग नए साल के स्वागत की तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस बीच नए साल से पहले केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस द्वारा इसके लिए सुरक्षा बलों द्वारा सीमा पर कड़ी निगरानी, तलाशी अभियान तेज करना और भीतरी इलाकों में कई स्थानों पर वीपीएन सेवाओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना जैसे कई उपाय किए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों और पुलिस ने चेनाब घाटी और पीर पंजाल क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर संयुक्त रूप से घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया है। सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद से ये अभियान पिछले कुछ दिनों से चल रहे हैं और डोडा और किश्तवार जिलों में आधे दर्जन से अधिक स्थानों पर तलाशी जारी है।
इन इलाकों में आतंकी गतिविधियों की सूचना
सूत्रों के अनुसार, इन क्षेत्रों में चतरू, सिंहपुर, डोमेल, केशवान, ठकराई, नैदगाम और किश्तवार की सीमा से लगे डोडा के ऊपरी इलाके शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा बलों और पुलिस ने हाल ही में इनमें से कुछ स्थानों पर आतंकवादियों से संपर्क स्थापित किया था। अधिकारियों ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के दो समूह जिनमें लगभग आधा दर्जन आतंकवादी शामिल हैं, दोनों जिलों में मौजूद हैं, इनके अलावा हिजबुल मुजाहिदीन के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले कमांडर जहांगीर सरोरी भी मौजूद हैं।
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सुरक्षा बलों ने सीमावर्ती पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के निकटवर्ती क्षेत्रों सहित कई स्थानों पर तलाशी अभियान भी चलाया। इन सभी स्थानों पर सुरक्षा बलों और पुलिस ने तलाशी में सहायता के लिए ड्रोन और सर्च डॉग का भी इस्तेमाल किया। इस बीच, कड़ी सतर्कता के तहत पुलिस और सुरक्षा बलों ने जम्मू -पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर विभिन्न स्थानों पर संयुक्त नाके भी स्थापित किए और कठुआ, सांबा और जम्मू जिलों में वाहनों की जांच की।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, डोडा-चंबा सीमा से लगे लगभग 17 दूरस्थ गांवों के लगभग 150 वीडीजी को स्वचालित राइफलों के संचालन, आत्मरक्षा, बंकर निर्माण और आतंकवादी हमलों को विफल करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कोहरे की आड़ में सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने के लिए जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गई है।
जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में VPN के उपयोग पर प्रतिबंध
इस बीच, केंद्र शासित प्रदेश के कई जिलों ने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) सेवाओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। उनका कहना है कि यह असामाजिक और राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा इंटरनेट के दुरुपयोग को रोकने का एक उपाय है। सूत्रों ने बताया कि इस प्रतिबंध का उद्देश्य सीमा पार आतंकवादियों, उनके स्लीपर सेल और हैंडलर्स के बीच नेटवर्क को तोड़ना है।
वीपीएन सेवाओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले नवीनतम जिले शोपियां, कुपवारा और कुलगाम हैं जहां संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों ने प्रतिबंध आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। इससे पहले, डोडा, किश्तवार, कठुआ, पुंछ और राजौरी सहित जम्मू प्रांत के कई जिलों में जिला मजिस्ट्रेटों द्वारा इन सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, इस आधार पर कि वीपीएन सेवाओं का दुरुपयोग गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।
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पुलिस सूत्रों ने बताया कि वीपीएन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना इसलिए जरूरी था क्योंकि ऐसी जानकारी मिली थी कि आतंकवादी घाटी और जम्मू के कुछ क्षेत्रों में अपने नेटवर्क को रिवाइज करने की कोशिश कर सकते हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “राष्ट्रविरोधी तत्वों को वीपीएन का दुरुपयोग करके अपने हैंडलर्स और स्लीपर नेटवर्क से संपर्क करने से रोककर, हम उनकी योजनाओं को शुरुआत में ही विफल कर सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “पिछले कुछ वर्षों में, हमने देखा है कि आतंकवादी, उनके हैंडलर्स और अंडर ग्राउंड आतंकी एक-दूसरे से संपर्क करने और सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बचने के लिए ज्यादातर वीपीएन का इस्तेमाल करते हैं।”
