लोकतंत्र का मंदिर माना जाने वाला संदन भवन अब और ज्यादा अत्याधुनिक, भव्य और ‘सुरक्षित’ होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई यानी कि रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। इस संसद भवन को लेकर एक तरफ देश में उत्सुकता है तो दूसरी तरफ सियासत पर भी चरम पर चल रही है। कई ऐसे दल सामने आए हैम जिन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल होने से ही मना कर दिया है। अब सियासत अपनी जगह, लेकिन इस समय सोशल मीडिया पर कई सवाल वायरल हैं, ये सवाल पुरानी संसद को लेकर हैं, नई को लेकर हैं।

पुरानी संसद भवन का क्या होगा?

इस समय लोगों के मन में सबसे पहला सवाल ये आ रहा है कि नई संसद भवन के उद्घाटन के बाद पुरानी वाली का क्या होगा। आपको बता दें कि सरकार इसका इंतजाम भी पहले से ही कर रखा है। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में पुरानी संसद भवन का इस्तेमाल संसदीय कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा इस पुरानी संसद भवन को एक म्यूजिय्म के तौर पर भी इस्तेमाल होगा। आने वाली पीढ़ियों को देश के लोकतंत्र के बारे में पता रहे, ये भी सरकार का एक उदेश्य रहने वाला है।

सेंट्रल विस्टा क्या नई संसद भवन से अलग है?

नहीं, असल में सेंट्रल विस्टा एक बड़ा प्रोजेक्ट है, और उस प्रोजेक्ट का एक हिस्सा ये नया संसद भवन है। यानी कि नया संसद भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का सिर्फ एक पहलू है। पूरे सेंट्रल विस्टा पर तो करीब 20 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन अकेले नई संसद भवन की बात करें तो ये 12 हजार करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुई है। सेंट्रल विस्टा के अंदर तो राष्ट्रपति भवन, संसद, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, उपराष्ट्रपति का घर भी शामिल है।

नए संसद भवन की जरूरत क्यों पड़ी?

सरकार के सामने ये सवाल कई बार पूछा गया है, विपक्ष के कई नेताओं ने भी बोला है कि पैसे की बर्बादी कर नए संसद भवन का निर्माण हुआ। लेकिन केंद्र का सीधा तर्क है कि वर्तमान संसद भवन में जगह कम है, ज्यादा सांसद नहीं बैठ सकते। एक्सपर्ट्स से नजरिए से देखें तो पुरानी संसद सुरक्षा के लिहाज से भी अब मुफीद नहीं है। अंग्रेजों के समय बनी पुरानी संसद 100 साल पुरानी होने वाली है, ऐसे में बड़े भूकंप को झेलने की इसमें ताकत नहीं। इस वजह से भी नए भवन का निर्माण हुआ है।

नए संसद भवन में खास क्या है?

सरकार के नजरिए से देखें तो इस नए संसद भवन में एक नहीं कई खास बाते हैं। जगह के लिहाज से तो बड़ा परिवर्तन आने वाला है। जो नया संसद भवन है, वहां पर अब लोकसभा में 888 सदस्यों की क्षमता रहने वाली है, पहले ये सिर्फ 552 थी। इसी तरह राज्यसभा में ये आंकड़ा नए संसद में 384 हो जाएगा जो पहले सिर्फ 250 था। संयुक्त बैठक के दौरान तो एक बार में अब 1272 सदस्य बैठ पाएंगे। आकर्षण का केंद्र इस बार लोकसभा और राज्यसभा का डिजाइन भी है। असल में नई लोकसभा को राष्ट्रीय पक्षी मयूर को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, वहीं राज्यसभा को कमल फूल से प्रेरित बताया गया है।

नए संसद भवन को किसने बनाया है?

नए संसद भवन का ठेका टाटा प्राजेक्ट्स लिमिटेड को मिला था। साल 2020 में कंपनी ने 861.90 करोड़ रुपये की बड़ी बोली लगाई और तब ये ड्रीम काम उनकी झोली में गया था। यहां ये समझना जरूरी है कि नया भवन सेंट्रल विस्टा का ही एक हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट का खाका आर्किटेक्चर फ़र्म एचसीपी ने डिजाइन किया है।

नए संसद भवन और 75 रुपये के सिक्के का क्या कनेक्शन?

कनेक्शन एकदम सीधा है, सरकार का कहना है कि देश को आजादी के 75 साल हो गए हैं, ऐसे में जब नए संसद भवन का उद्घाटन हो रहा है, तो उस मौके पर यादगार बनाने के लिए एक सिक्का भी लॉन्च किया जाए। ऐसे में सरकार 75 रुपये का सिक्का लॉन्च करने जा रही है। ये सिक्का काफी खास रहने वाला है क्योंकि एक तरफ इस पर नए संसद भवन की छवि अंकित होगी तो दूसरी तरफ अशोक स्तंभ भी रहने वाला है। ये सिक्का 35 ग्राम का रहने वाला है।

ज्यादा आलीशान, ज्यादा सुविधा, विरोध क्यों हो रहा?

नए संसद भवन के उद्घाटन का जो निमंत्रण पत्र छपा था, उसमें लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करने जा रहे हैं। अब बस इसी विवाद पर सारा बवाल चल रहा है। कई विपक्षी पार्टियों का मानना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए। यहां तक कहा गया है कि इस कार्यक्रम के जरिए पीएम अपनी निजी मार्केटिंग कर रहे हैं। इस पर बीजेपी भी पलटवार लगातार कर रही है। इस समय कुल 21 पार्टियां इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर रही हैं और 16 समर्थन में खड़ी हैं।

उद्घाटन वाले दिन खास बातें क्या रहेंगी?

जानकारी के लिए बता दें कि दो चरणों में ये कार्यक्रम संपन्न होने वाला है। पहले चरण में मंत्रोच्चार के साथ पूजा होगी। फिर दोनों सदनों का निरीक्षण नेताओं द्वारा ही किया जाएगा। इसके अलावा लोकसभा में सुबह सेंगोल को रिती-रिवाज के साथ स्थापित किया जाएगा। 75 रुपये का सिक्का भी जारी होगा और दोनों लोकसभा स्पीकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधन भी सुनने को मिलेगा।