लंबे समय बाद मध्य प्रदेश आबकारी विभाग शराब के नियमों में ढील देने जा रहा है। इसके तहत विभाग उच्च आय वर्ग के लोगों को सालाना 10 हजार रुपये फीस जमा कराने के मौके पर 100 बोतलें रखने की अनुमति देगा। इससे पहले केवल दाे बाेतल ही घर में रखने की अनुमति थी। 100 बोतलों में से प्रत्येक की कीमत 1000 रुपये होगी। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शराब से दूर हैं। उन्होंने एक बार जैन संत को नई शराब की दुकानें नहीं खोलने का वादा किया था। इसके चलते आबकारी विभाग की राजस्व वृद्धि भी नहीं बढ़ रही थी।
आबकारी आयुक्त राकेश श्रीवास्तव ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, ‘नए कॉर्पोरेट घरानों से ऐसी मांग आ रही थी। साथ ही इंदौर में टीसीएस और इंफोसिस जैसी कंपनियों के आने के बाद ऐसा करना जरूरी भी था। हालांकि शौकीन लाेग अवैध रूप से वैसे भी श्राब रखते थे। अब उन्हें लाइसेंस मिलेगा लेकिन वे शराब बेच नहीं पाएंगे। 10 लाख रुपये सालाना आय वाले लोग एक अप्रैल को लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकेंगे। आबकारी विभाग के अधिकारी लाइसेंस धारकों के घरों की चैकिंग कर सकेंगे।’ हालांकि सीएम शिवराज ने नई लाइसेंस नीति को तो मंजूरी दे दी लेकिन आबकारी विभाग के 270 नई दुकानें खोलने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया।
उन्होंने 2010 में कहा था कि जब तक वे सीएम हैं तब तक नई दुकानों के लाइसेंस जारी नहीं होंगे। चौहान ने जैन मुनि तरुणसागर के साथ मंच साझा करने के दौरान यह घोषणा की थी। इस दौरान तरुणसागर ने कहा था कि उन्हें खुशी होगी अगर मध्य प्रदेश में कत्लखाने और शराब की दुकानें बंद कर दी जाए। चौहान हालांकि कत्लखानों पर चुप रहे लेकिन शराब को लेकर उन्होंने घोषणा कर दी।