दिल्ली में एक रामलीला का मंचन करीब डेढ़ घंटे के लिए नेताओं के स्वागत-सत्कार की भेंट चढ़ गया। मंचन के बीच मंच पर कांग्रेस नेता मुदित अग्रवाल पहुंचे थे। विजयदशमी पर उनका जन्मदिन होता है, यह बात जानकर उनके समर्थक और समिति के आयोजक ऊपर उन्हें बधाई देने लगे। रामलीला इसी चक्कर में रुकी रही। उनके जाने के बाद दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी पहुंचे। उन्हें भी मंच पर बुलाया गया था, जिसके कारण मंचन दोबारा रुका रहा। ये सारी चीजें तब घटीं, जब लीला में लक्ष्मण मूर्छित हुए थे। उन्हें भी इसी सब के चलतचे डेढ़ घंटे मंच पर किनारे लेटे रहना पड़ा।
यह मामला दिल्ली के शास्त्री पार्क से जुड़ा है। यहां विष्णु अवतार रामलीला कमेटी हर साल रामलीला कराती है। घटना दशहरे की रात 10 बजे के आसपास की है। मंच पर बेहोश अवस्था में लक्ष्मण को लेकर राम पहुंचे थे। आगे संजीवनी बूटी लाने के लिए हनुमान जी से कहा गया, तभी मंच पर कांग्रेसी नेता आ गए। उनके साथ उस दौरान कुछ और लोग भी चले आए।
रामलीला में राम से लेकर हनुमान और वानरों तक किरदार निभा रहे किरदार भी ये नजारा देख हैरत में रह गए, जबकि कांग्रेसी नेता की एंट्री से जनता का ध्यान भी लीला से कुछ देर के लिए भटका था। ऐसे में ऊब कर हनुमान मंच से नीचे आए, जबकि लक्ष्मण राम की गोद में ही लेटे रहे। ये सारे कलाकार उस दौरान नेताओं का स्वागत-सत्कार खत्म होने का इंतजार कर रहे थे।
थोड़ी देर बाद रामलीला में दिल्ली बीजेपी मुखिया भी पहुंचे। हालांकि, शुरू में बुलाने पर भी वह मंच पर नहीं गए। पर बाद में जब अग्रवाल वहां से निकले, तब वह भी मंच पर गए। ऐसे में जो रामलीला का जो पात्र जिस अवस्था में खड़ा था, वह वैसे ही नजर आया।
रिपोर्ट्स में तिवारी के हवाले से कहा गया, “वीआईपी संस्कृति खत्म होनी चाहिए। यह लीला भगवान के स्वरूपों का मंचन है। मैंने देखा कुछ लोग जूते पहनकर ऊपर आ गए। यह गलत है। नेताओं के स्वागत के लिए अलग से मंच बने।” बीजेपी सांसद के बात पूरी करने के बाद लक्ष्मण के दुरुस्त होने वाला दृश्य आधे घंटे में संपन्न हुआ था।