प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्‍वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े गोपनीय दस्‍तावेज सार्वजनिक कर दिए। नेताजी के परिवार ने इसके लिए पीएम मोदी का धन्‍यवाद किया है, लेकिन कांग्रेस भड़क गई है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि जिस तरह पीएम मोदी ने गोपनीय दस्‍तावेजों को सार्वजनिक किया है, उससे उनके इरादे समझ आ रहे हैं। सरकार जानबूझकर विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सुभाष चंद्र बोस को ‘लीडर ऑफ द नेशन’ का दर्जा दिए जाने की मांग की है।

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फाइलें सार्वजनिक किए जाने के बीच मीडिया में सबसे ज्‍यादा चर्चा उस लेटर की हो रही है, जो कथित तौर पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश पीएम क्‍लीमेंट एटली को लिखा था। इसमें नेताजी के लिए आपत्तिजनक शब्‍दों का इस्‍तेमाल किया गया है। कांग्रेस दावा कर रही है कि जिस चिट्ठी की बात हो रही है, वह नेहरू ने लिखी ही नहीं थी। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि यह चिट्ठी झूठी है और सच्चाई सामने आनी चाहिए। इस चिट्ठी को सामने रखना शरारतपूर्ण है। हम इस लेटर के पीछे का सच सामने लाएंगे और ऐसा करने वालों का पर्दाफाश करेंगे।

नेशनल आर्काइव्स बोस से जुड़ी 25 फाइलों की डिजिटल कॉपी हर महीने सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराएगा। इसके लिए सरकार ने एक वेबसाइट बनाई है। ये सभी फाइलें netajipapers.gov.in पर मिलेंगी।